होम / Dehradun News: ममता पर दाग! अस्पताल के टॉयलेट में बच्चे को छोड़ चली गई मां, तीन महीने में नवजात और भ्रूण के इतने मामले

Dehradun News: ममता पर दाग! अस्पताल के टॉयलेट में बच्चे को छोड़ चली गई मां, तीन महीने में नवजात और भ्रूण के इतने मामले

• LAST UPDATED : April 28, 2023

India News(इंडिया न्यूज़),देहरादून:”Dehradun News”देहरादून में एक बार फिर मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है। जहां एक कलयुगी मां अपने नवजात शिशु (Newborn Baby) को अस्पताल के बाथरूम में छोड़ गई। देहरादून के इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है।

अस्पताल के टॉयलेट में बच्चे को छोड़ चली गई मां

शहर में आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे

शहर में आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे

पिछले तीन महीने में नवजात और भ्रूण के मामले

शहर में आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे

प्रत्येक बच्चे के जीवन में माँ की भूमिका सर्वोपरि होती है फिर चाहे वो बच्चा हो, वयस्क या या फिर वृद्ध ही क्यों न हो। गर्भावस्था से लेकर जन्म तक और उसके बाद लालन पालन की पूर्ण प्रक्रिया में माँ की भूमिका अमूल्य होती है। बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए अपने सपनों और खुशियों को सहर्ष भूलकर अथाह प्रेम सिर्फ माँ ही लूटा सकती है। लेकिन जीवनदायिनी ही जीवन भक्षक बन जाए तो क्या कहेंगे आप। जी हां ऐसा ही मामला देहरादून के एक अस्पताल से आया है। जहां स्पताल के बाथरूम में एक नवजात बच्चा मिला है, जिसकी मां अस्पताल के बाथरूम में नवजात को छोड़ कर चली गई। बता दें, शहर में आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं।

नवजात बच्चों को सड़क पर या झाड़ियों में न छोड़े

मामले में बाल आयोग द्वारा कहा गया कि कोई भी नवजात बच्चों को सड़क पर या झाड़ियों में न छोड़े। जो भी बच्चा पालने में असमर्थ है उनके लिए केदारपुरम में व्यवस्था की गई है। ऐसे में जो भी परिजन वहां बच्चा लेकर आएंगे उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। हालांकि, इसके बाद भी पिछले 10 सालों में सिर्फ एक बच्चा केदारपुरम स्थित शिशु सदन के बाहर लगे पालने में आया है।

भ्रूण दो स्थिति में ही मिलता

बता दें, साल 2016 से 2023 तक 73 बच्चे झाड़ियों, सड़क किनारे या अस्पताल के बाथरूमों में मिले हैं। इनमें से कुछ बच्चे तो अविवाहित लड़कियों के हैं और कुछ गैर जिम्मेदार लोग है। मासूमों को पैदा करके मरने के लिए बेसहारा छोड़ दिया जाता है। अगर आम तौर पर भ्रूण की बात करें तो भ्रूण दो स्थिति में ही मिलता है। एक तो परिवार में बेटे की चाहत में बेटी होने पर उसकी भ्रूण गिरा देते हैं। या फिर दूसरा, जब कोई अविवाहित लड़की गर्भवती हो जाती है तो अप्रशिक्षित लोगों के संपर्क में आकर भ्रूण गिरा दिया जाता है।

विदेश मां की गोद को मिले 17 बच्चे

अगर एक नजर आंकड़ों पर डालें तो 2016 से 2023 तक देहरादून में 73 बच्चों को सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) के तहत भारत और विदेश में मां की सूनी गोद को बच्चे की खुशी दिलवाई है। जिसमे से 17 बच्चे तो विदेश गए और 56 बच्चे भारत में ही गोद दिए गए हैं।

पिछले तीन महीने में नवजात और भ्रूण के मामले
  • 26 फरवरी को मसूरी में सड़क किनारे कंबल में लिपटी मिली थी एक बच्ची।
  • 22 मार्च को विकासनगर के उप जिला अस्पताल के बाथरूम में एक बेरहम मां बच्ची को जन्म देकर फरार हो गई थी।
  • 22 मार्च को भी दून अस्पताल के पास झाड़ियों पर एक विकसित भ्रूण मिला था। यह भ्रूण लड़की का था।
  • 3 अप्रैल को दून अस्पताल के बाहर झाड़ियों में एक अविकसित भ्रूण मिला था।

Also Read: Haridwar News: यात्री गढ़ कृपया ध्यान दें! अब हरिद्वार से हर रविवार चलने जा रही है ये सुपर फास्ट स्पेशल ट्रेन

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox