India News (इंडिया न्यूज), Fire in Train: भारतीय रेलवे भारत की परिवहन प्रणाली की जीवन रेखा है, जो आबादी के बड़े हिस्से को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक पहुंचाती है। रेलवे दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या उन लोगों के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण बन गई है जो अपने दैनिक आवागमन और नियमित यात्रा के लिए रेलवे पर निर्भर हैं।
नई दिल्ली से बिहार के दरभंगा जाने वाली ट्रेन में बीते बुधवार को भीषण आग लग गई। अफरातफरी के बीच यात्रियों को बचा लिया। उत्तर मध्य रेलवे अधिकारी के अनुसार, ट्रेन नंबर 02570 दरभंगा क्लोन स्पेशल में सराय भुपत स्टेशन के पास आग लगा गई। छठ का पर्व नजदीक है। पर्व की वजह से ट्रेन में काफी भीड़ थी। आग लगने से यात्रियों में दहशत फैल गई। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि अगर आग लगने से हादसा होता है तो क्या रेलवे इसका मुआवजा देता है। आपको बताते है कि इसके नियम…
जब भी आप कोई टिकट बुक करते है तो ये किसी भी यात्री के लिए अनिवार्य नहीं है कि वह रेलवे की ओर से दिया जाने वाला इंश्योरेंस को ले। ये यात्री की इच्छा पर है जब वह ट्रेवल इंश्योरेंस पर क्लिक करता है तब ही उनका इंश्योरेंस होता है। इस ट्रेवल के लिए हर यात्री को टिकट के हिसाब से 92 पैसे देने होते हैं।
सबसे पहले आपको जानकारी देते है कि इंश्योरेंस सिर्फ कंफर्म, RAC और पार्ट कंफर्म टिकट वालों को ही इंश्योरेंस का फायदा मिलता है। एक बार इंश्योरेंस खरीदने के बाद यात्री को SMS और रजिस्टर्ड मेल आई पर इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से जानकारी दी जाती है। मैसेज आने के बाद यात्री को इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर जाकर नॉमिनेशन की डिटेल फिल करनी होती है। अगर कोई डिटेल नहीं भरता है तो इसके बाद मुआवजा उनके लीगल वारिस को दिया जाता है। और इसके लिए पहले ये दावा करना होता है। इस इंश्योरेंस में ट्रेन एक्सीडेंट की वजह से होने वाली मौत, इंजरी पर कुछ मुआवजा राशि दी जाती है।
इस इंश्योरेंस में ट्रेन एक्सीडेंट के बाद यात्रियों को होने वाले अलग अलग नुकसान के आधार पर ही मुआवजा दिया जाता है। इस इंश्योरेंस में मौत होने पर 10 लाख रुपये, पर्मानेंट टोटल डिसेबिलिटी होने पर 10 लाख रुपये, पर्मानेंट पार्शल डिसेबिलिटी होने पर साढ़े सात लाख रुपये।
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