India News UP(इंडिया न्यूज़), First Lok Sabha Elections: भारत में 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है। देश में 19 अप्रैल से 01 जून के बीच सात चरणों में चुनाव होंगे और वोटों की गिनती 4 जून को होगी। वहीं, इस दौरान भारतीय लोकतंत्र ने पूरी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के साथ चुनाव प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है। 17 अप्रैल 1951 में देश में पहली बार आम चुनाव (First Lok Sabha Elections) हुए और अब तक देश इसी परंपरा पर आगे बढ़ रहा है। वहीं, भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में जाना जाता है। इस लिए दुनियाभर के देशों की नजर भी देश के आम चुनाव में रहती है।
1951 में हुए भारत के पहले लोकसभा चुनाव (First Lok Sabha Elections) में लोगों को चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उस समय देश की 35 करोड़ की आबादी में से लगभग 85 प्रतिशत लोग अशिक्षित थे और संचार के साधन कम थे। लेकिन लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए मतदाताओं को जागरूक करने के उपाय किये गये।
ये भी पढ़ें:- Lok Sabha Election 2024 Date: लोकसभा चुनावों की तरीख का ऐलान, जानें UP में कब कब पड़ेंगे वोट
उस दौरान में टेलीविजन नहीं था, रेडियो की संख्या बहुत कम थी और समाचार पत्र भी बहुत कम छपते थे। लोगों में लोकतंत्र के प्रति जागरूकता बहुत कम थी क्योंकि उन्होंने पहले कभी लोकतंत्र नहीं देखा था। वहां आम चुनाव कराना कितनी बड़ी चुनौती थी।
देश के पहले चुनाव में ईवीएम से लेकर वीवीपैट तक प्रक्रिया में कई बदलाव देखने को मिले हैं। ईवीएम ने मतपत्रों की जगह ले ली है और वीवीपैट ने मतदाताओं को मतदान के बाद की जानकारी प्रदान करने में मदद की है। इससे फर्जी वोटिंग को कम करने में मदद मिली है। वहीं चुनावी प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव 1990 के दशक उठाया गया था। इसी दशक में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी की ईवीएम की शुरूआत हुई।
बैलेट पेपर वोटिंग के दौरान काफी फर्जी वोटिंग होने लगी थी। जो ईवीएम की शुरुआत से फर्जी वोटिंग काफी कम हुई। मतपेटियों की लूट से लेकर बूथ कैप्चरिंग के जरिए खुलेआम वोटिंग तक हर बार चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाली खबरें सामने आने लगीं। साल 2004 में पहली बार ईवीएम ने पूरी तरह से बैलेट पेपर की जगह ले ली। उसी वर्ष लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों में वोट पूरी तरह से ईवीएम मशीनों के माध्यम से डाले गए और लोगों ने अपने उम्मीदवारों को चुना।
चुनाव आयोग ने प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और ईमानदार बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। मतदाताओं को जागरूक करने और फर्जी वोटिंग रोकने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस प्रकार, भारतीय लोकतंत्र की यात्रा हमेशा महत्वपूर्ण रही है और देश ने चुनावी प्रक्रिया में सुधारों के माध्यम से लोकतंत्र को गहरा किया है।
यह भी पढ़ें:-