India News (इंडिया न्यूज़), Sushil Kumar, Gorakhpur: निगम के ठेकेदार ने लगाया गंभीर आरोप, कमीशनखोरी का रेट लिस्ट किया जारी, पार्षद से लेकर अधिकारियो को बंधा है, परसेंटेज, जी हां गोरखपुर के नगर निगम में काम को लेकर अधिकारियो से लेकर पार्षद तक के कमिशन बंधे है, और इसको लेकर अब ठेकेदार संघ के अध्यक्ष ने लिस्ट को जारी करते हुए गंभीर आरोप लगाये है, और कार्यवाही की मांग की है, और नगर आयुक्त को लिखित शिकायत दर्ज कराई है, देखिये इंडिया न्यूज़ पर निगम में कमीशनखोरी का रेट लिस्ट |
गोरखपुर नगर निगम ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वेद प्रकाश मिश्रा ने नगर निगम के नगर आयुक्त को नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ एक पत्र दिया है, और उन्हें लिखित रूप में अवगत कराया। जिसमें निर्माण विभाग में एडवांस कमीशन अगर ठेकेदार के द्वारा नहीं दिया जाता है, तो अगर अभिनेताओं के द्वारा अवर अभियंता के द्वारा पत्रावली एमबी नहीं किया जाता है, और ना ही अधिकारियों के द्वारा हस्ताक्षर किया जाता है, कमीशन के चक्कर में कार्य की गुणवत्ता भी खराब होती है, जिसके कारण ठेकेदार प्रताड़ित होता है, इससे ठेकेदारों में काफी आक्रोश की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
ठेकेदार संध के अध्यक्ष के अनुसार इस खेल में पुराने पार्षद ही ज्यादा शामिल हैं | नगर निगम के कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल को संबोधित ज्ञापन सौंप कर विकास कार्यों में कमीशनखोरी की शिकायत की है, एसोसिएशन ने आरोप लगाया है, कि निर्माण विभाग के कार्यों में पार्षद से लेकर मुख्य अभियंता तक एडवांस कमीशन लेते हैं, कमीशन न देने पर प्रताड़ित किया जाता है |
एसोसिएशन के अध्यक्ष वेद प्रकाश मिश्रा एवं महामंत्री रामसिंह ने ज्ञापन में लिखा कि अगर ठेकेदार निर्माण विभाग में एडवांस कमीशन नहीं देता है, तो अवर अभियंता पत्रावली पर एमबी नहीं करते हैं। न ही अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर किया जाता है, कमीशन के चक्कर में गुणवत्ता भी खराब होती है। जिसके कारण ठेकेदार प्रताड़ित होता है। उन्होंने नगर आयुक्त से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है, ठेकेदार ने बताया, कि नए पार्षद कहते हैं, कि 10 फीसदी एडवांस कमीशन के बाद ही टेंडर डालें, निर्माण विभाग के अधिकारियों को कमीशन चाहिए ही।
बिना उसके हस्ताक्षर ही नहीं होते, एसोसिएशन ने अपने पत्र में नगर आयुक्त को बताया है, कि पार्षद को 10 फीसदी, अवर अभियंता को 05 फीसदी, सहायक अभियंता को 2 फीसदी, अधिशासी अभियंता को 2 फीसदी एवं मुख्य अभियंता को 1.5 फीसदी कमीशन देना पड़ता है |
नगर निगम में ठेकेदार ने इस तरह का गंभीर आरोप लगाया है, जिसमे पार्षद से लेकर विभाग के अधिकारी भी इन्वाल्ब है, और सबका कमीशन बंधा हुआ है, और कमीशन न मिलने पर फाईले रोक दी जाती है, जाँच का खेल शुरू किया जाता है, और बेवजह के परेशान किया जाता है, अब ऐसे में काम को कैसे ठेकेदार कराये इस पुरे मामले को लेकर ठेकेदार संघ के अध्यक्ष ने अपने पैड पर रेट लिख कर उसे जारी किया है, गोरखपुर के नगर निगम में जिस तरह से ठेकेदार संघ के अध्यक्ष ने गंभीर आरोप लगाते हुए रेट लिस्ट को भी जारी कर दिया है।
बकायदा लिखित शिकायत नगर आयुक्त और मेयर को दिया है, और उसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री को भी भेज दी है, अब ऐसे में नगर निगम के अधिकारी और पार्षद के ऊपर इस आरोप को लेकर नगर आयुक्त ने जाँच का भरोसा दिलाया है, लेकिन अगर इस तरह का खेल नगर निगम में चल रहा है, तो काम की गुणवता कैसे होगी ये भी एक एहम सवाल है, फिलहाल इन सवालों के जवाब जाँच के बाद ही मिलेंगे |
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