India News (इंडिया न्यूज़),Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े आज दो मामलों पर जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। जिसमें व्यास जी के तहखाना जिलाधिकारी को सुपुर्द देने स्थानांतरण की आवेदन पर सुनवाई हुई तो वही एएसआई सर्वे को लेकर कोर्ट से चार हफ्ते का और समय की मांग की गई। जिसमें कोर्ट ने दोनों मामलों पर कल यानी 5 अक्टूबर की तारीख नियत की है।
ज्ञानवापी स्थित व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में देने के वाद में दिए गए स्थानांतरण आवेदन पर जिला जज की अदालत से आज आदेश नहीं आ सका। सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश के लिए अगली तिथि पांच अक्टूबर की नियत कर दी है। यह वाद शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास की तरफ से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल किया गया है। बता दे कि ज्ञानवापी से जुड़े अन्य मामले जिला जज की अदालत में चल रहे है इस वजह से इस वाद को जिला जज की ही अदालत में स्थानांतरित किए जाने का अनुरोध किया गया है।
इसे लेकर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दर्ज कराई है। कोर्ट ने दोनों पक्षों के दर्दीले सुन लिया है। कल कोर्ट इस पर आदेश दे सकता है। वही हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंद चतुर्वेदी ने बताया की शैलेंद्र कुमार व्यास का परिवार सैकड़ो साल से तहखाने में रहत आ रहा है और पूजा पाठ करता रहा है लेकिन 1993 में वैरीकेटिंग के बाद राजनीति कारण से उनके परिवार को बेदखल कर दिया गया। जिसको लेकर हम लोगों ने जिला अधिकारी को सुपुर्द करने की मांग की है। जिस पर कोर्ट कल आदेश दे सकता है।
वही हाई कोर्ट के आदेश के बाद से ज्ञानवापी परिसर के वजू खाने को छोड़कर अन्य विग्रहों का एएसआई सर्वे का काम चल रहा है। सर्वे की रिपोर्ट छह अक्तूबर तक जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में पेश की जानी है। जिलाधिकारी को साक्ष्य मुहैया कराने है लेकिन सर्वे का काम है जो पूरा नहीं हुआ है। इसलिए आज कोर्ट में एएसआई की तरफ से 4 हफ्ते का और समय की मांग की गई है। जिस पर कोर्ट कल आदेश करेगा हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नगर चतुर्वेदी ने बताया कि एएसआई सर्वे का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है। मलबे को हटाने और बारिश की वजह से काम में रुकावट आ रही है जिसके लिए कोर्ट से चार हफ्ते का और समय मांगा गया है।
तहखाना को लेकर व्यास जी की तरफ से आशंका जताई गई कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी व्यासजी के तहखाने पर कब्जा कर सकती है। इसलिए तहखाने को जिलाधिकारी को सुपुर्द किया जाए। बाद में जिला जज की अदालत से मुकदमे को निचली अदालत से स्थानांतरित कर खुद सुनवाई करने का अनुरोध किया गया जिस पर जिला जज की अदालत में सुनवाई चल रही है वही देखना होगा कि जिला जज की अदालत एएसआई टीम को सर्वे के लिए और समय देती है या नहीं।
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