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Gyanvapi survey: ज्ञानवापी मामले में ASI सर्वे का आज 35वां दिन, जिला जज ने बढ़या 28 दिन का समय, समुदाय विशेष ने जताया विरोध

• LAST UPDATED : September 9, 2023

India News (इंडिया न्यूज़),Gyanvapi ASI survey: यूपी के वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में आज शनिवार को भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम का सर्वे का आज 35वां दिन है। जिला न्यायालय की ओर से 4 सप्ताह का समय मिलने के बाद टीम नई तैयारियों के साथ उतरी है। सर्वे को पूरा करने के बाद अन्य पहलुओं पर भी जांच की जाएगी। वहीं, दूसरी तरफ तकनीकी विशेषज्ञ तहखाने के अंदर के साक्ष्य की जांच करेगे। जिला के जज ने 6 अक्तूबर तक सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट खोज की है।

अब तक 210 घंटे का सर्वे पूरा

शनिवार के दिन त्रिस्तरीय सुरक्षा के बीच टीम परिसर में ऐतिहासिक संभावनाएं तलाश करने टीम उतरी और दो दिन बाधाओं के बाद भी परिसर का सर्वे लगातार जारी है। अब तक टीम ने वजूस्थल को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे 210 घंटे तक पूरा कर चुकी है। इस सर्वे में पटना, वाराणसी, दिल्ली, कानपुर और हैदराबाद की टीमें शामिल हैं। अभी तक ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सर्वे के लिए स्थानों का निर्धारण हो चुका है। भारतीय पुरातत्व विभाग मानकों पर सर्वे की अग्रिम कार्रवाई पूरी कर चुकी है। आगे की कार्रवाई समय मिलने के बाद आगे बढ़ाएगी।

पूरी रिपोर्ट के लिए 28 दिन आवश्यक- जिला जज

सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट की सहमति और जिला जज के आदेश के बाद  भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) के अधिकारी और कर्मचारी ज्ञानवापी में सर्वे करने में जुटे हुए हैं। ASI की टीम सर्वे को पेश करते हुए कार्रवाई पूरा करने के लिए 56 दिन और बढ़ने की मांग कर रही थी। इस मामले पर कोर्ट ने 56 दिन को ज्यादा बताते हुए कहा कि रफ्तार तेज की जाए। इसके बाद कोर्ट ने 28 दिन की मंजूरी दी। ASI के अधिकारियों ने सर्वे के अन्य पहलुओं पर कार्य करना शुरू कर दिया है। हालांकि मसाजिद कमेटी ने इस अवधि को बढ़ने को लेकर विरोध किया था लेकिन जज ने फैसला सुनाते हुए इस सर्वे पूरी रिपोर्ट के लिए और 28 दिन आवश्यक बताया।

56 दिन आगे बढ़ाने की मांगी थी अनुमति 

जिला जज की अदालत ने ज्ञानवापी सर्वे व उसकी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सितंबर की तारिख तय की गई थी,  लेकिन ऐसा नहीं हो सका। दो सितंबर को ASI ने अदालत से ज्ञानवापी सर्वे को 56 दिन आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी। 5 तारीख सोमवार के दिन अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने दाखिल आपत्ति में कहा कि मलबा हटाने और एक जगह इकट्ठा करने से मस्जिद के गिरने का खतरा है। उस दिन वकीलों की हड़ताल होने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई थी।

क्या है विवाद

ज्ञानवापी मामले को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसके नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है और भगवान विश्वेश्वर की नियमित पूजा के इंतजाम भी किए जाएं। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर चल रहा मामला यह है कि हिन्दू पक्ष की मांग है कि पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए और मुस्लिमों का प्रवेश ज्ञानवापी में बैन किया जाए। इसके साथ ही हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद के गुंबद को भी ध्वस्त किया जाए।

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