Sitapur: जिला कारागार में निरुद्ध एक कैदी की जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत के बाद जिला कारागार में बंद कैदियों ने देर रात भूख हड़ताल कर दी। कैदियों की भूख हड़ताल के बाद से जेल प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इस घटना के बाद से जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। देर रात तक जिले के पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने कारागार पहुंचकर कैदियों की मान मनव्वल शुरू की। तकरीबन 4 घंटे बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी बाहर आए और मामले पर चुप्पी तोड़ी। वहीं मामले की जानकारी मिलने से कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही भी पूरे मामले की पल पल अपडेट लेते रहे।
जिला कारागार में अप्रैल 2020 से बंद मिश्रित के रन्नुपुर निवासी कैदी बबलू सिंह पुत्र उमेश पर नाबालिग किशोरी से गैंगरेप का आरोप लगा था। जिसके बाद पुलिस ने उसे अप्रैल 2020 में जेल भेज दिया था। मृतक की मां का आरोप था कि बीते बृहस्पतिवार को वह अपने बेटे बब्लू से पेशी के दौरान मिली थी तो वह स्वस्थ था।अचानक पेट में दर्द की शिकायत के बाद शुक्रवार की दोपहर जिला अस्पताल में उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। कैदी बब्लू की मौत परिवार वालों के गले नहीं उतर रही थी। उन्होंने जेल प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए हंगामा भी काटा था।
इतना ही नही मृतक की माँ ने तो जेल प्रशासन व डॉक्टरो पर मार डालने का आरोप तक लगा डाला। उसके बाद अचानक बीती देर शाम कैदियों ने जेल में तैनात फार्मासिस्ट पर नाराजगी जताते हुए जेल में हंगामा काटा और भूख हड़ताल कर दी। जेल से बाहर आने के बाद अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कैदी के दुख में जेल के कुछ कैदियों ने उपवास रख लिया था और फार्मासिस्ट के खिलाफ नाराजगी जताई थी जिसको लेकर बातचीत कर ली गई है।
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