India-Nepal News: (International suspension bridges on Kali river inaugurated) धारचूला के लिपूलेख सडक मार्ग के मल्ल घाट व गर्भाधार नामक स्थान में दोनो देशों को जोड़ने के लिए अन्तराष्ट्रीय झूला पुलों का उद्घाटन किया गय़ा। जिलाधिकारी रीना जोशी ने बताया दोनो देशों के व्यापार और रिश्ते मजबूत करने को एक सीढी का काम करेगा।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के सीमांत छेत्र में स्थित धारचूला में आज से भारत नेपाल के अन्तराष्ट्रीय झूला पुलों का उद्घाटन हुआ है। जिलाधिकारी पिथोरगढ रीना जोशी व जिलाधिकारी दार्चुला, नेपाल दीर्घ राज उपाध्यक्ष ने लिपूलेख सडक मार्ग के मल्ल घाट व गर्भाधार नामक स्थान में दोनो देशों को जोड़ने के लिए तैयार झूला पुलों का सयुंक्त उद्धाटन किया। जिलाधिकारी रीना जोशी ने बताया की उक्त पुल, दोनो देशों के व्यापार और रिश्ते मजबूत करने को एक सीढी का काम करेगा।
बता दें कि नेपाल के द्वारा उक्त पुलों का निर्माण किया गया है। उक्त पुलों कि लागत प्रति पुल 1 करोड नेपाली रुपया है। इन पुलों से अब नेपाल की 4 हजार से ज्यादा जनता को लाभ मिलेगा। जिलाधिकारी रीना जोशी ने बताया की उक्त पुल, दोनो देशों के व्यापार और रिश्ते मजबूत करने को एक सीढी का काम करेगा। वही नेपाल के जिलाधिकारी दिर्घराज उपाध्याय ने सभी लोगों को बधाईयाँ दी और कहा की हमारे सम्बन्ध भारत से ओर मजबूत करने का काम उक्त पुलो के द्वारा किया जायेगा।
दोनों देशों की आपसी सहमति से बने इस पुल से क्षेत्र को आर्थिक, धार्मिक, सास्कृतिक एवं पर्यटन के क्षेत्र में लाभ मिलेगा। बता दें कि भारत एवं नेपाल के बीच रोटी व बेटी का रिश्ता रहा है। जिसे लेकर क्षेत्र की लंबे समय से जो मांग थी वह आज पूरी हुई। इस पुल के बनने से एक तरफ जहां कारोबार बढ़ेगा वहीं इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इससे दोनो देश के लोगों को लाभ मिलेगा।
काली नदी पर बना यह झूला पुल लगभग 140 मीटर लंबा है और इसकी भार क्षमता 42 टन है। इसी प्रकार मलघट्या झूला पुल की लंबाई लगभग 135 मीटर है, आसपास के लगभग 3 हजार लोगों को इसका लाभ मिलेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच रोटी बेटी का संबंध है, झूला पुल बन जाने से भारत और नेपाल के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और एक दूसरे को समझने का मौका भी मिलेगा, जिससे दोनों देशों के मध्य संबंध ओर अधिक मजबूत होंगे।