India News(इंडिया न्यूज़)भारत: “International Labour Day 2023” 1 मई के दिन दुनिया भर में मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसका मकसद दुनियाभर में मौजूद मजदूरों के संघर्ष और बलिदान को याद करना है। आज हम बताएंगे कैसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत जानें यहां।
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस एक मई को पूरे दुनियाभर में मनाया जाता है। इस दिवस को कई नामों से जाना जाता है जैसे कामगार दिवस, श्रम दिवस और श्रमिक दिवस। इस दिवस का मकसद लोगों की श्रमिकों, उनकी स्थिति और उनकी समस्याओं के प्रति जागरूक करना है। इसके साथ ही इस दिवस को अलग-अलग देशों में अलग-अलग दिन अलग-अलग तरह से मनाया जाता है।
बता दें, इस दिन को मनाने की शुरुआत 135 साल पहले अमेरिका में हुई थी। जब अमेरिका के मजदूरों ने अपने काम की स्थितियों को बेहतर करने के लिए हड़ताल की थी। दरअसल, अमेरिका में मजदूरों से दिन के 15 घंटे काम कराया जाता था। तब उन्होंने मांग कि थी की उनका समय 15 घंटे से घटाकर 8 घंटे किए जाएं। इसी मांग को लेकर 1 मई 1886 के दिन कई मजदूर अमेरिका की सड़कों पर हड़ताल के लिये उतरे थे। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिये कुछ मजदूरों पर गोलियां भी चला दी थी।
जिसमें 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे और कई मजदूरों की जान भी चली गई थी। 1889 में इसे देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक के दौरान 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था और इसके साथ ही इस दिन अवकाश रखने और 8 घंटे से ज्यादा काम न करवाने के फैसले पर भी मुहर लगायी गायी थी।
एक मई को मजदूर दिवस भारत में मनाया जाता है। यह दिवस सबसे पहले साल 1923 में चेन्नई में मनाया गया था। इसके बाद यह दिवस देश के कई मजदूर संगठनों ने मिलकर एक मई को मनाया था।“मजदूरों के संघर्ष को बताना और उनके द्वारा किए गए बलिदानों को याद करना” मजदूर दिवस मनाने का अहम उद्देश्य है। इस दिन मजदूर को उनके काम के लिए सराहना और उपलब्धियां भी दी जाती हैं। साथ ही उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा करने और अपने प्रति होने वाले शोषण के खिलाफ आवाज को प्रेरित किया जाता है।
वहीं, इस बार अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस 2023 की थीम है सकारात्मक सुरक्षा और स्वास्थ्य संस्कृति का निर्माण (Act together to build a positive safety and health culture) के लिए मिलकर कार्य करें। यह थीम शिकागो की घटना के बाद यूरोप में जब मजदूरों के लिए हड़ताल और प्रदर्शन किए गए तो 1 मई को चुना गया।
Report by: kashish goyal