India News (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha: आज लोकसभा में राम मंदिर निर्माण पर ले गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। इसी चर्चा के बीच एआइएमआइएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा सरकार पर निशान साधा गया। उनका कहना है कि “मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की इज्जत करता हूं मगर नाथूराम गोडसे से मेरी नस्ल नफरत करती रहेंगी।” ओवैसी द्वारा पूछा गया कि क्या मोदी सरकार एक समुदाय या फिर एक आपकी सरकार है या सभी पूरे देश की पूरे मजहबों को मानने वालों की सरकार है? क्या इस सरकार का कोई मजहब है?’ इसके आगे वे बोले “मेरा मानना है कि इस देश का कोई मजहब नहीं है। क्या 22 जनवरी का पैगाम देकर यह सरकार यह बताना चाहती है कि एक मजहब को दूसरे मजहब को मानने वालों पर जीत मिली है? क्या संविधान इसकी इजाजत देता है?”
ओवैसी ने बताया ‘हमारे साथ 49 में धोखा हुआ, 86 में धोखा हुआ, 92 में धोखा हुआ और 2019 में भी इस लोकसभा में हमारे साथ धोखा हुआ। मुस्लिमों को हमेशा भारत के नागरिक होने के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। क्या मैं बाबर का, औरंगजेब का या जिन्ना का प्रवक्ता हूं? मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की इज्जत करता हूं, लेकिन मेरी नस्लें भी नाथूराम गोडसे से नफरत करती रहेंगी, जिसने उस शख्स को गोली मारी, जिसके मुंह से आखिरी शब्द निकले थे हे राम।’
लोकसभा में जब ओवैसी बोल रहे थे तब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे से कहा कि वह इस बात का जवाब दे दें क्या वे बाबर को आक्रमणकारी मानते हैं या नहीं? इस पर ओवैसी द्वारा उल्टा सवाल पूछते हुए कहा गया कि ‘आप पुष्यमित्र शुंग को क्या मानते हैं? निशिकांत दुबे, असदुद्दीन ओवैसी से आज भी बाबर की बात पूछ रहे हैं। आप मुझसे गांधी के बारे में पूछते, जलियांवाला बाग के बारे में पूछते। मैं अपनी शिनाख्त को नहीं मिटने दूंगा। मैं वो काम नहीं करूंगा, जो भाजपा चाहती है। मैं संविधान के दायरे में रहकर ही काम करूंगा।’ अपने संबोधन के आखिर में ओवैसी ने कहा, ‘आज देश के लोकतंत्र का प्रकाश सबसे कम है। आखिर में मैं यही कहूंगा कि बाबरी मस्जिद है और रहेगी। बाबरी मस्जिद जिंदाबाद, भारत जिंदाबाद।’