India News(इंडिया न्यूज़),Lucknow News: यूपी के वाराणसी जिले के स्कूल संचालक से रेप केस में बचाने के के बदले 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोपों का सामना कर रहे आईपीएस अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ शासन ने विभागीय जांच शुरू करने का निर्देश दिया। बता दें वाराणसी के पुलिस कमिश्नर से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने यह फैसला किया है। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने जांच अधिकारी नामित किए जाने की पुष्टि की है।
ढाई महीने तक कमिश्नर ने की जांच,अनिरुद्ध सिंह को पाया दोषी
दरअसल 12 मार्च को अनिरुद्ध सिंह के रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल होने के बाद तत्कालीन डीजीपी डीएस चौहान ने वाराणसी के पुलिस कमिश्नर को जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट सबमिट करने को कहा था। कमिश्नर ने जांच की जिम्मेदारी वाराणसी में डीआईजी संतोष कुमार सिंह को दी थी। अब लगभग ढाई महीने की जांच के बाद ये रिपोर्ट कमिश्नर के जरिए प्रदेश के डीजीपी तक पहुंचा दी गई। इस जांच रिपोर्ट में अनिरुद्ध सिंह को दोषी ठहराया गया है।
2018 बैच के आईपीएस
अब डीजीपी ने इस रिपोर्ट को सरकार को सौंप दिया है और अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ विभागीय जांच कराने को कहा गया है। बता दें कि वर्ष 2018 बैच के आईपीएस अनिरुद्ध सिंह का जब ये रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हुआ तो मेरठ के एएसपी ग्रामीण के पद से हटाकर सीबीसीआईडी मुख्यालय भेजा गया था।
क्या था मामला
पिछले वर्ष वाराणसी के स्कूल संचालक पर दर्ज रेप के मुकदमे की जांच के दौरान अनिरुद्ध सिंह पर 20 लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। स्कूल संचालक ने इसकी शिकायत शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और डीजीपी से की थी। इसकी जांच वाराणसी में डीआईजी रहे अनिल कुमार सिंह को सौंपी गई। जांच के दौरान अनिरुद्ध सिंह ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि स्कूल संचालक उनको केस खत्म कराने का लालच दे रहा था, जिसकी वजह से वह उसे फंसाने की कोशिश कर रहे थे।