India News (इंडिया न्यूज), पंकज गुप्ता, Meerut News : मेरठ से घरेलु उड़ान की उम्मीदों को पंख लगते नजर आ रहे हैं। सोमवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी टीम ने परतापुर हवाई पट्टी पहुंचकर आठ घंटे जमीन की पैमाइश की। अब एयरपोर्ट अथॉरिटी से तकनीकी टीम भी निरीक्षण करेगी। इसके बाद चेयरमैन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
मेरठ शहर से हवाई उड़ान की उम्मीद और बढ़ गई है। सोमवार को परतापुर स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर हवाई पट्टी पर एयरपोर्ट अथॉरिटी की सर्वे टीम ने आठ घंटे तक जमीन की पैमाइश की। वर्तमान 53.55 हेक्टेयर जमीन पर 72 सीटर वाला हवाई जहाज उड़ान भर सकता है, इसकी पुष्टि सर्वे टीम ने भी कर दी। अथॉरिटी से तकनीकी टीम भी निरीक्षण करने आएगी। इस सप्ताह सर्वे और तकनीकी टीम एयरपोर्ट अथॉरिटी के चेयरमैन को जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
एयरपोर्ट अथॉरिटी नई दिल्ली से सीनियर मैनेजर गोलक बिहारी बनारा, मैनेजर वरुण कुमार, कुलवंत सिंह और अमित कुमार बोम्बो सोमवार सुबह 10 बजे हवाई पट्टी पहुंचे। सूचना पर राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, उपाध्यक्ष मेडा अभिषेक पांडेय, सिटी मजिस्ट्रेट पारसनाथ मौर्य, सदर तहसीलदार और लेखपाल सहित प्रशासन के अधिकारी भी पहुंच गए। एयरपोर्ट अथॉरिटी की सर्वे ने हवाई पट्टी पर वर्तमान 53.55 हेक्टेयर जमीन की पैमाइश की
वर्तमान भूमि की स्थिति
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल कागजों में उड्डयन विभाग के पास 53.55 हेक्टेयर में से 35.37 हेक्टेयर जमीन है। दस्तावेज में फिलहाल 14.39 जमीन विकास प्राधिकरण,440 हेक्टेयर वन विभाग, 630 हेक्टेयर में नाली-चकरोड और 5.76 हेक्टेयर जमीन किसानों के नाम पर है। एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि इन जमीनों को जल्द उड्डयन विभाग के नाम लिखा पढ़ी में होनी चाहिए। सिटी मजिस्ट्रेट पारसनाथ मौर्य का कहना है कि 2010 में हवाई पट्टी के विस्तारीकरण के बाद उड्डयन विभाग के पास 53.55 हेक्टेयर जमीन है।
वन विभाग की सिर्फ 440 हेक्टेयर जमीन है। इसे 2010 में उड्डयन विभाग को देने की बात हुई थी। पूर्व में भी वन विभाग के अधिकारियों ने अड़ंगा लगाया था। अब 2021 के प्रस्ताव के मुताबिक हवाई पट्टी के विस्तार के लिए 131 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता जिला प्रशासन बता रहा है, जिसका एयरपोर्ट अथॉरिटी ने ड्रोन से सर्वे भी कराया था।
नए विस्तारीकरण में वन विभाग की जमीन आई है। बताया गया कि वन विभाग अपनी जमीन उड्डयन विभाग को देने को तैयार नहीं है। डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि हवाई पट्टी बनाए जाने के दौरान जो जमीन वन विभाग को मिलनी थी उस पर अभी तक वन विभाग का कब्जा नहीं है। इस कारण विभाग को जमीन देने का अधिकार ही नहीं है। जमीन पर किसानों का कब्जा है।
वही डॉ.लक्ष्मीकांत वाजपेयी, राज्यसभा सदस्य का कहना है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी की टीम ने हवाई पट्टी का सर्वे कर लिया है। वर्तमान में जिस जमीन की सर्वे टीम ने पैमाइश की है। उस पर 200 मीटर चौड़ा और 2280 मीटर लंबा रनवे बनाकर 72 सीटर वाला हवाई जहाज उड़ान भर सकता है। एक सप्ताह में जमीन से संबंधित सभी जांच हो जाएगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी के चेयरमैन को सर्वे रिपोर्ट देंगे, उसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
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