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Saharanpur News: मंत्री के रिश्तेदार को मौत के बाद भी नहीं मिली एंबुलेंस, पिता के शव को गोद में लेकर मेडिकल कॉलेज से गया घर

• LAST UPDATED : September 12, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Chandrabhan Singh, Saharanpur News: सहारनपुर! प्रदेश सरकार में पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह के मौसा को मेडिकल कॉलेज में न तो स्ट्रेचर, न बेड मिला और ना ही मौत के बाद एबुलेंस। उपचार में लापरवाई के चलते उनकी मौत हो गई। रिश्ते में मंत्री का भाई अपने पिता के शव को गोद में लेकर ही मेडिकल कॉलेज से निकल गया। डॉक्टर द्वारा अभद्रता और गाली-गलौच का आरोप लगाया है। शव को गोद में लेकर जाने का वीडियो वायरल भी हो रहा रहा है।

दोबारा फोन किया तब जाकर उन्हें भर्ती किया

दरअसल, राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह के मौसा की आज अचानक तबियत बिगड़ गई। कई अस्पताल में पता किया मगर उन्हें बेड नहीं मिल सका। बाद में परिजन उन्हें अंबाला रोड स्थित मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। यहां पर भी बेड नहीं मिल सका और न ही उपचार। इतना ही नहीं परिजनों ने मंत्री जी को जानकारी दी, इस पर खुद मंत्रीजी ने फोन किया लेकिन कोई उपचार नहीं मिला। बाद में दोबारा फोन किया तब जाकर उन्हें भर्ती किया मगर, तब तक मरीज की मौत हो गई।

डॉक्टर मरीज को भर्ती करने के लिए तैयार नहीं

थाना बड़गांव के महेशपुर गांव में भाजपा सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री बृजेश सिंह के मौसा घनश्याम (82) की तबीयत बिगड़ गई। बेटे कुलदीप ने बताया, मंगलवार की सुबह मेरे पिता घनश्यान की तबीयत बिगड़ गई। पहले देवबंद के अस्पताल में गए, लेकिन वहां बेड नहीं मिला। जिसके बाद सहारनपुर में एक निजी अस्पताल में लेकर आ गए। लेकिन यहां भी बेड नहीं मिला। उसके बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। आरोप है कि मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में पहुंचकर स्ट्रेचर मांगा। लेकिन किसी ने स्ट्रेचर नहीं दिया। किसी तरह पिता को गोद में उठाकर एक बेंच पर लिटाया। लेकिन डॉक्टर मरीज को भर्ती करने के लिए तैयार नहीं थे। करीब डेढ़ घंटे तक मरीज को भर्ती करने की जद्दोजहद होती रही मगर उन्हें भर्ती नहीं किया गया।

जब मंत्री के रिश्तेदार को ही कोई तवज्जों नहीं दी गई

कुलदीप ने बताया, ”बाद में अपने भाई मंत्री बृजेश सिंह को फोन किया। उन्होंने मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य को फोन किया। लेकिन बहुत देर तक कोई नहीं आया। जिसके बाद दोबारा मंत्रीजी को फोन किया। उन्होंने दोबारा फिर से प्राचार्य को फोन किया और हड़काया। जिसके थोड़ी देर बाद स्टाफ आ गया। लेकिन तब तक बुजुर्ग घनश्याम ने दम तोड़ दिया। मंत्री के मौसा को मेडिकल कॉलेज में इलाज नहीं मिला और उनकी मौत हो गई।” कुलदीप का आरोप है, ”मेडिकल कॉलेज में किसी प्रकार की सुविधा नहीं है। जब मंत्री के रिश्तेदार को ही कोई तवज्जों नहीं दी गई तो आमजन का क्या होता होगा।

उन्होंने चिकित्सकों से स्ट्रेचर और एबुलेंस मांगी

उन्होंने बताया, पिता की मौत के बाद उन्होंने चिकित्सकों से स्ट्रेचर और एबुलेंस मांगी। लेकिन उन्होंने नहीं दी। आरोप है कि उनका छोटा भाई करण सिंह डॉ.सुशील के पास गया। उनसे भी एबुलेंस के लिए कहा। लेकिन उन्होंने अभद्रता की और गाली-गलौच की। जिसके बाद कुलदीप अपने पिता के शव को लेकर पैदल ही अपनी कार तक पहुंचे और कार से लेकर अपने गांव पहुंचे और उनका अंतिम संस्कार किया।

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