India News (इंडिया न्यूज़),Swami Prasad Maurya: स्वामी प्रसाद ने कहा कि मैं भरतीय जनता पार्टी से मंत्री पद छोड़कर आया हूँ, क्यों कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछड़े वर्ग के आरक्षण पर जिस तरीके से उन्होंने तलवार चलाई, आरक्षण खत्म किया, हक समान्य वर्ग के लोगों में जबरियन बांटा, जो नहीं भी उत्तीर्ण थे उनको भी नियुक्ति पत्र दिया, इसी का विरोध करके मैं भाजपा छोड़ा हूँ। भाजपा में दुबारा कभी भी भूलकर जाने का स्वप्न की भी मैं बात नहीं कर सकता।
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कमेटी में, विधेयक लाकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को शामिल न किये जाने के सवाल पर स्वामी प्रसाद बोले, कहा कि ये केवल मनमाना करने के लिए ऐसा किया। क्योंकि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जब से आये है वो हर जगह व्यवस्था को ठीक करने में लगे थे। इसी लिए जल्दी जल्दी में विधेयक लाकर, अपना मनमाना करने का रास्ता इन्होंने प्रसस्त किया है। इसलिये मैंने पहले ही कहा कि भाजपा का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है, संविधान को भी बदलने की तैयारी में है। देश को बेचने की शुरुआत कर दी है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब विपक्ष की सभी पार्टियां एक साथ आ रही है, तो सभी मिलकर के सीटो के बंटवारे की भी बात कर लेंगे, ये हमारा घरेलू मामला है, बीजेपी को चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नौटंकी ज्यादा करती है, काम कम करती है। आपने देखा होगा कि अभी इन्होंने अमृत महोत्सव मनाया, जिनका आजादी में कोई कंट्रीव्यूशन ही नही था वो महोत्सव मना रहे है। आज कभी जिनको तिरंगा झंडा से नफरत हुआ करता था, आज घर घर तिरंगा लगवा रहे है, इस लिए ये अपने पाप का प्रायश्चित कर रहे है कि जब मुझे लगाना था तब नही लगाया था, आज सत्ता में है मौका है, जश्न मना लें तो कम से कम देर आये दुरस्त आये, अपनी गलतियों पर पछतावा कर रहे है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान कि जब कॉग्रेस व सपा जब आती है तब अनर्थ लाती है। सवाल पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी देश बेच रही है। नौजवानों का रोजगार छीन रही है। महगाई से गरीबों की कमर तोड़ रही है। किसानों पर चौतरफा मार पड़ रही है। छोटे मध्यम व्यापारियों को भी ईडी के अंदर लाकर के तबाही के रास्ते पर ले जा रही है। लोकतंत्र को कुचलने के लिए भारतीय जनता पार्टी विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी सीबीआई इनकम टैक्स का दुरुपयोग कर, लोकतंत्र की हत्या पर उतारू है। आज यहां तक कि संविधान भी खतरे में है।