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UKSSSC: पेपर लीक मामले में धामी सरकार का बड़ा फैसला, युवाओं के विरोध के बीच ‘नकल विरोधी कानून’ पर कही ये बात

• LAST UPDATED : February 10, 2023

UKSSSC: (Dhami government’s big decision in paper leak case) उत्तराखंड में लंबे समय से चल रहें भर्ती घोटाले मामले को लेकर धामी सरकार का बड़ा फैसला सामने आया है। प्रदेश में नकल को रोकने के लिए परीक्षाओं में पारदर्शिता और शुचिता सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को विचलन से अनुमोदन प्रदान कर दिया है।

कार्यवाही के लिए राजभवन भेजा गया कानून

बता दें, गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नकल विरोधी अध्यादेश को अनुमोदन प्रदान कर दिया है। इसके अंतर्गत यदि कोई अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में स्वयं नकल करते अथवा नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो ऐसे मामलों में तीन साल की सजा और न्यूनतम पांच लाख जुर्माने का प्रविधान किया गया है। साथ ही आरोपितों की संपत्ति भी जब्त करने की व्यवस्था की गई है। इस अध्यादेश को अग्रेतर कार्यवाही के लिए राजभवन भेज दिया गया है।

धामी ने ‘नकल विरोधी कानून’ को लेकर कही ये बात

उत्तराखंड में पेपर लीक मामले को लेकर इन दिनों बड़ा बवाल मचा हुआ है। लगातार लंबे समय से इंसाफ कि मांग कर रहे युवा अब सड़को पर उतर गए हैं। जिस का असर पूरे प्रदेश में देखनें को मिल रहा है।बात अगर राजधानी कि करें तो यहां आज लाठीचार्ज के विरोध में बेरोजगार संघ ने प्रदेश में बंद का आह्वान किया है। जिसके बाद से मामले में विपक्ष भी खुल कर युवाओं के समर्थन में उतरा हैं।
वहीं सीएम धामी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए ‘नकल विरोधी कानून’ को पास कर दिया है। जिससे अब प्रदेश में नकल करने वालें या कराने वालों पर सरकार नकेल कसने जा रही है। राज्य में सभी परीक्षाएं इस अध्यादेश के दायरे में कि जाएंगी। इस कानून के तहत उम्रकैद तक की सजा के अलावा 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का सख्त प्रावधान भी किया गया है।

इन लोगों पर कसेगा सिकंजा

नियमों के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि साधनों में लिप्त पाया गया तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा और दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अगर कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो उसे आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

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