India News UP (इंडिया न्यूज), Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 21 जून को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक और गुजरात स्थित एक कंपनी से इसके संबंध पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर आयोजित करने वाली गुजरात स्थित फर्म ही पेपर लीक करने में शामिल है और जब उसका मालिक सफलतापूर्वक विदेश भाग गया, तभी राज्य सरकार को इस बारे में पता चला।
यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आरोप लगाया, “यह ‘भाजपा’ की पहचान है, वे धोखेबाजों के लिए काम करते हैं। यह आरोप बहुत गंभीर है कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर आयोजित करने वाली गुजराती कंपनी पेपर लीक करने में शामिल है और उसके बाद ही उसका मालिक सफलतापूर्वक विदेश भाग गया।” उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जनता को इसके बारे में सूचित किया और जनता के गुस्से से बचने के लिए कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया।
श्री यादव ने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार को उस कंपनी और उसके मालिक के खिलाफ़ दर्ज की गई प्राथमिकी की प्रति सार्वजनिक करनी चाहिए। हिम्मत दिखानी चाहिए और उनकी संपत्ति से उनकी कीमत वसूलनी चाहिए। ऐसे अपराधी उत्तर प्रदेश के 60 लाख युवाओं का भविष्य बर्बाद करने के दोषी हैं। भाजपा सरकार को यह साबित करना चाहिए कि वह इन अपराधियों के साथ है या प्रदेश की जनता के साथ है।” सपा अध्यक्ष ने यूपी में काम कर रही हर बाहरी कंपनी की जांच की मांग की।
पूर्व सीएम ने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश में काम कर रही हर कंपनी के इतिहास, ईमानदारी और गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए। जब बेईमान और दागी कंपनियों को काम दिया जाता है, तो जनता समझती है कि काम देने वाले यूपी सरकार के मंत्रालय और विभाग के लोगों की भी इसमें हिस्सेदारी है, यानी यह ‘भ्रष्टाचार में साझेदारी’ है। हमारी मांग है कि यूपी में काम कर रही या काम करने की इच्छुक हर बाहरी कंपनी की गहन जांच होनी चाहिए और सब कुछ सही पाए जाने पर ही काम दिया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो जब कुछ गलत होता है, तो इससे यूपी की छवि खराब होती है और राज्य के पैसे की बर्बादी भी होती है।”
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सपा अध्यक्ष ने मांग की कि काम में यूपी की कंपनियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाहरी कंपनियों को तभी काम दिया जाना चाहिए, जब यूपी सरकार के विभागों, निगमों, बोर्डों या स्थानीय कंपनियों के पास समय पर काम पूरा करने का अनुभव न हो।
बीजेपी पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “आखिरकार इसका खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना पड़ता है। साथ ही यह भी मांग है कि यूपी की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाए और बाहरी कंपनियों को तभी काम दिया जाए जब राज्य सरकार के विभागों, निगमों, बोर्डों या स्थानीय कंपनियों के पास समय पर और गुणवत्ता के साथ काम पूरा करने का अनुभव न हो या वे इतने बड़े काम करने में असमर्थ हों।”
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