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UP NEWS: सीएम ने श्रद्धेय राजमाता विजयाराजे सिंधिया को उनकी 21वीं पुण्यतिथि पर दी विनम्र श्रद्धांजलि।

• LAST UPDATED : January 25, 2023

UP NEWS: (CM pays humble tribute to revered Rajmata Vijayaraje Scindia on her death anniversary.) सीएम योगी ने कहा कि जन सेवा के लिए समर्पित श्रद्धेय राजमाता विजयाराजे सिंधिया का जीवन प्रेरणादायी है।

ग्वालियर की राजमाता के रूप में लोकप्रिय हैं।

श्रद्धेय राजमाता विजयाराजे सिंधिया जो कि ग्वालियर की राजमाता के रूप में लोकप्रिय थी। राजमाता सिंधिया 21 फरवरी 1941 को,ग्वालियर के आखिरी सत्ताधारी राजा जिवाजीराव सिंधिया की पत्नी के रूप में राज्य के सर्वोच्च शाही हस्तियों में शामिल हो गईं। उसके कुछ दिनों बाद भारत से राजशाही समाप्त कर दिया गया था। तब वे राजनीति में उतर गई और कई बार जनता द्वारा भारतीय संसद के दोनों सदनों में चुनी गई थी। वह दशकों तक भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सक्रिय सदस्य भी रही थी।

सीएम योगी ने दी विनम्र श्रद्धांजलि।

सीएम योगी ने श्रद्धेय राजमाता विजयाराजे सिंधिया को उनकी पुण्यतिथि पर दी ट्विटर के माध्यम से दी बधाई। सीएम योगी ने ट्वीट करके लिखा कि “त्याग एवं समर्पण की प्रतिमूर्ति, लोक-कल्याण हेतु आजीवन सेवारत रहीं श्रद्धेय राजमाता विजयाराजे सिंधिया को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि। जन सेवा के लिए समर्पित उनका जीवन प्रेरणादायी है।”

100 रुपये के स्मारक सिक्के का हुआ अनावरण 

वर्ष 1985 और 1999 में विजयाराजे सिंधिया दो वसीयतें सामने आई थीं। लेकिन अब वो वसीयत विवाद कोर्ट में चल रहा है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की जयंती पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा उनकी पावन स्मृति में 100 रुपये के स्मारक सिक्के की शुरुआत की हैं। साथ ही पीएम मोदी ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया को उनके महान व्यक्तित्व के लिए नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की हैं।

1957 में पहली बार लड़ी चुनाव

राजमाता विजयाराजे सिंधिया 1957 में पहली बार गुना से लोकसभा के लिए चुनी गईं। पहली बार 1957 में राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी। उस समय वह गुना लोकसभा सीट से सांसद चुनी गईं थी। कांग्रेस में 10 साल काम करने के बाद पार्टी से उनका मोहभंग हो गया। वर्ष 1967 में विजयाराजे सिंधिया ने जनसंघ पार्टी जॉइन कर लिया था। विजयाराजे सिंधिया के मेहनत के बदौलत ही ग्वालियर क्षेत्र में जनसंघ पार्टी काफी मजबूत साबित हुई थी।

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इंदिरा लहर के बाद भी 3 सीटों पर जीत हासिल की

आपको बता दे, साल 1971 में पूरे देश में जबरदस्त इंदिरा लहर चल रह था। उस दौरान भी जनसंघ ने ग्वालियर क्षेत्र की 3 सीटों पर जीत हासिल की थी। उस समय विजयाराजे सिंधिया भिंड से, गुना से उनके पुत्र माधवराव सिंधिया और ग्वालियर से अटल बिहारी वाजपेयी सांसद बने थे।

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