India News (इंडिया न्यूज), UP News: प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने आज देर रात 9:00 बजे विधान सभा मार्ग स्थित 1912 काल सेंट्रल तथा 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने 1912 में आ रही उपभोक्ताओ की शिकायतों का तत्काल संज्ञान लेने तथा उपभोक्ताओं को जब तक अपनी शिकायत को लेकर संतुष्टि न मिल जाय, इसके प्रयास करने के निर्देश दिए।
उर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं के हित में कार्य कर रही है। उन्हें कोई समस्या न हो, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में अभी भीषण गर्मी बढ़ने से 25000 मेगावाट से अधिक की मांग को ऊर्जा विभाग पूरा कर रहा है। आने वाले समय में इससे ज्यादा बढ़ी हुई विद्युत् मांग को भी ऊर्जा विभाग निर्बाध रूप से पूरा करेगा।
उन्होंने कहा कि पूरा ऊर्जा परिवार उपभोक्ताओं की बढ़ी हुई मांग के अनुरूप विद्युत आपूर्ति देने का प्रयास कर रहा है। 1912 कॉल सेंटर उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। इसके महत्व को देखते हुए इसकी क्षमता को एक बार में 60 काल से बढ़ाकर दो गुना कर 120 काल कर दी गई है। उपभोक्तओ की शिकायतों का तत्काल समाधान हो, इसके लिए 1912 की कार्यप्रणाली को और मजबूत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की विद्युत आपूर्ति या विद्युत संबंधी अन्य व्यवस्था के सम्बन्ध में उपभोक्ताओं द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1912 पर कॉल करने के पश्चात तय समय पर समस्या दूर न होने पर उन्हें मुआवजा प्रदान किया जाएगा। कहा कि 1912 की कार्यप्रणाली ऐसी हो, जिससे उपभोक्ताओ की शिकायतों का शीघ्र समाधान किया जा सके और विभाग को कम से कम मुआवजा देना पड़े। इसके लिए इसकी व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान ऊर्जा मंत्री को बताया गया कि आज 23 मई को बिलिंग, कनेक्शन, मीटरिंग, स्मार्ट मीटरिंग, विद्युत आपूर्ति से संबंधित 9500 शिकायतें दर्ज की गई। ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिए 1912 कॉल सेंटर में स्थापित किए गए विभिन्न हेल्पडेस्क की कार्यप्रणाली का भी निरीक्षण किया साथ ही 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र, विधानसभा का भी निरीक्षण कर वर्तमान विद्युत् लोड और आपूर्ति के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि रोस्टर के अनुरूप शहर के उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जाए और कहीं पर भी विद्युत आपूर्ति में बाधा हो, उसे तत्काल ठीक किया जाए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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