खबर उत्तर प्रदेश के उन्नाव से है यहां पर आज कानपुर देहात में आगजनी में हुई माँ-बेटी की मौत जैसी घटना की पुनरावृत्ति होंते होते टली है। गुरुवार देर शाम अजगैन कोतवाली के विक्रमखेड़ा गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटवाने पॅहुची प्रसाशन के सामने महिला ने झोपड़ी में आग लगा दी और खुद को आग लगा कर जान देने की कोशिश की। मौके पर मौजूद लोगों ने आग बुझा कर उसकी जान बचाई । घटना की जानकारी होने पर मौके पर पहुंचे एसडीएम हसनगंज व एडीएम उन्नाव ने महिला को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया।
उन्नाव के विक्रमखेड़ा गांव के रहने वाले अजय कश्यप अपने परिवार के साथ ग्राम समाज की जमीन पर करीब तीस साल से झोपड़ी बना कर रह रहे था। इसकी सरकारी कालोनी आने के बाद वह वही पर निर्माण करने लगा। पीछे गांव निवासी गौस खान का खेत है। गौस खान ने निर्माण रुकवाने के लिए हसनगंज में प्रार्थना पत्र दिया था। गुरुवार को लेखपाल नापने आये थे। ग्राम समाज की जमीन पर झोपड़ी होने पर गिराए जाने की बात कही। तभी अजय की पत्नी ने अपने ऊपर डीजल डालकर आग लगाने जा ही रही थी। वहा मौजूद लोगों ने पकड़ लिया। रानी ने बताया एक माह पूर्व उसने बन्धन बैंक से दो लाख रुपये लोन लिया था। दुकान करने के लिए। जिसकी आठ क़िस्त दे चुका है। अजय के दो लड़की नैना और रिमझिम है। मौके पर पहुंचे तहसीलदार जितेन्द्र सिंह व नायब तहसीलदार ने मकान यही बनने का आश्वासन दिया है।
वही मामले में एडीएम नरेंद्र सिंह ने बताया कि यहां पर एक तेलियानी गांव है जहां पर अजय हैं उनको आवास मिला है निर्माण हो रहा था उसमें कुछ शिकायत की गई थी कि ये निर्माण ग्राम समाज की जमीन पर हो रहा है। जांच के लिए नायाब तहसीलदार और लेखपाल आए थे समझा रहे थे तब उनकी पत्नी भावावेश में आ करके उसने दुकान के बगल में पॉलिथीन में आग लगा दी उसको बुझा दिया गया है। इसमें ऐसी कोई बात नहीं है उनको समझा-बुझाकर शांत करा दिया गया है। ग्राम प्रधान और सभी लोग वहां मौजूद थे ऐसी कोई चीज नही है। फिर भी जांच की जाएगी ।
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