India News (इंडिया न्यूज़), Uttar Pradesh: पीलीभीत में अब बाघ की दहशत सरकारी स्कूलों पर भी पड़ने लगी है। यहां के एक प्राथ स्कूल के पास बाघ की चहल कदमी देखी गई तो स्कूल के गेट के पर ताला लगाकर बच्चों की पढ़ाई होने लगी। उसके बाद ग्रामीणों की निगरानी में बच्चों को घर भेजा जाने लगा। फिलहाल डीएफओ के आग्रह पर बीएसए ने स्कूली बच्चों की छुट्टी कर दी है।
पीलीभीत के घुंघचई थाना क्षेत्र में पड़ने वाली डूडा कॉलोनी नंबर 8 में बना प्राथमिक विद्यालय माला रेंज के जंगल के किनारे है। जंगल और स्कूल के बीच एक ही रास्ता है। 2 दिन पहले विद्यालय के पास बाघ पहुंच गया था। उस समय स्कूल में बच्चे नहीं थे। विद्यालय के पास बाघ की चहल कदमी के चलते अधिकांश अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा था। दूसरे दिन यानी कि कल मंगलवार को अभिभावकों की निगरानी में बच्चों को स्कूल बुलाया गया। उसके बाद में गेट में ताला डालकर बच्चों की पढ़ाई कराई गई। गनीमत यह रही कि स्कूल के चारों तरफ चार दीवारी बनी हुई है। छुट्टी में भी सभी बच्चों को उनके अभिभावकों के साथ ही घर जाने दिया गया।
पीलीभीत के बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार का कहना है कि उनको डीएफओ सामाजिक वन की का फोन आया था और उन्होंने आग्रह किया कि जब तक की बाघ जंगल में ना चला जाए तब तक वह स्कूली छात्रों की छुट्टी कर दें। फिलहाल बीएसए ने अपने प्राथमिक स्कूल में बच्चों की छुट्टी कर दी है। वहीं स्कूली टीचर्स स्कूल आ रहे हैं और में गेट में ताला लगाकर अपना कार्य कर रहे हैं।
पीलीभीत जिले में लगातार बाघ की दहशत अपना आतंक फैला रही है। पहले बाग की दहशत पड़ोस वालों खेतों में काम करने वाले किसानों को हुआ करती थी। अब यह बाघ बेधड़क गांव में घुस रहे हैं, जिससे गांव में रहने वाले लोगों की दिनचर्या पर असर पड़ रहा है। यहां तक कि अब बच्चों के पढ़ाई पर भी बाघ का पहरा लग गया है।