Uttarakhand News: उत्तराखंड में गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग के धधकने सिलसिला फिर शुरु हो गया है। मार्च में हुई वर्षा के कारण जंगलों में आग का सिलसिला थामा हुआ था, लेकिन अप्रैल की शुरुआत के बाद ही मौसम धीर-धीरे शुष्क हो गया। खासकर बीते 2 दिन से तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है जिसके कारण 48 घंण्टों मे आग लगने की 14 घटनाएं सामने आ चुकी है।
राज्य में अनियमित वर्षा के पैटर्न के चलते पिछले कुछ सालों से ठंड के समय में भी आग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि, ग्रीष्मकाल में ही जंगलों को आग का खतरा सर्वाधिक रहता है। मार्च से जून तक का समय आग के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। खासकर कम वर्षा होने और वातावरण गर्म होने के कारण जंगल की आग तेजी से पकड़ लेती है।
इस साल मार्च में वर्षा अधिक होने के कारण जंगल की आग की घटनाएं न के बराबर हुईं। हालांकि, अब अप्रैल में पारा तेजी से चढ़ रहा है और फिलहाल वर्षा के आसार नहीं दिख रहे हैं। इसके बाद मई और जून भी वन विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं।
बीते 2 दिन की बात करें तो कुल 14 घटनाओं में से 10 घटनाएं आरक्षित वन क्षेत्र में हुईं और 4 घटनाएं सिविल क्षेत्र की हैं। हालांकि, नुकसान आरक्षित क्षेत्र में 8.7 हेक्टेयर और सिविल क्षेत्र में 31.5 हेक्टेयर जंगल को हुआ।
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