India News(इंडिया न्यूज), उत्तराखंड “Uttarakhand Latest News” : देशभर में अवैध लाउडस्पीकर के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। प्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन पुलिस के स्तर पर कराया जा रहा है। आपको बता दें कि अभी तक करीब 1500 लाउडस्पीकरों को पुलिस ने उतरवाया है। इनमें से 1382 लाउडस्पीकर गढ़वाल मंडल से हैं। जबकि, कुमाऊं क्षेत्र में केवल 108 लाउडस्पीकरों को उतरवाया गए हैं। कुमाऊं क्षेत्र में कार्रवाई कम हुई है।
मामला 17 साल पहले यानि कि वर्ष 2005 का है। जब सुप्रीम कोर्ट ने लाउडस्पीकर बजाने को लेकर आदेश जारी किया था। जिसमे कोर्ट ने कहा था कि ऊंची आवाज में सुनने के लिए किसी को मजबूर करना मौलिक अधिकार का हनन है। इसके साथ ही कोर्ट ने साफ कहा था कि किसी को भी इतना शोर करने का अधिकार नहीं है कि दूसरे लोगों को परेशानी हो। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि सार्वजनिक स्थल पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज क्षेत्र के लिए तय शोर के मानकों से ज्यादा नहीं होगी। इसका उल्लंघन होने पर, लाउडस्पीकर और उपकरण जब्त कर लिया जायेगा।
जिसके बाद 27 Nov 2022 को मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने आक्रामक रूख दिखाया था। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि, अगर अभी कुछ दिन में मस्जिद से लाउडस्पीकर नहीं उतारे जाते हैं तो ट्रक ले जाकर हनुमान चालीसा बजाएं। जिसके बाद से मामले ने तूल पकड़ लिया। धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। ठाकरे के इस ऐलान की आंच दूसरे राज्यों में भी पहुंच गई।
और देखते ही देखते इस मुद्दे पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी एंट्री ले ली। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में ये फरमान जारी किया कि अब प्रदेश में अवैध रूप से लाउडस्पीकर नहीं बजेंगे, जो बजेंगे वो धीमी आवाज में। लाउडस्पीकर की आवाज कैंपस से बाहर नहीं जानी चाहिए।
बता दें कि पिछले साल हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस ने धर्मस्थलों पर लगने वाले इन लाउडस्पीकरों को उतरवाने की कार्रवाई शुरू की थी। वहीं, पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार यहकार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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