इंडिया न्यूज: (Electricity can be generated on a small scale) प्रदेश में अब घर की छत छोटी होने पर भी छोटे पैमाने पर बिजली पैदा कर सकते हैं। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया 10 किलोवाट तक की क्षमता तक पैनल लगाने को केंद्र सरकार 8831 रुपये प्रति किलोवाट तक की वित्तीय सहायता दे रही।
अगर आपके घर की भी छत छोटी है तो ये खबर आपके लिए बेहद खास है।बता दें, इसका सीधा फायदा आपको देखने को मिल सकता है। हम ऐसा इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि अब छोटे पैमाने पर भी बिजली पैदा करके आप अपने बिजली के बिल को कम कर सकते हैं। जी हां, आपकी छत पर लगे जो सोलर पैनल से जो बिजली बनेगी, उसे यूपीसीएल खरीद लेगा और आपके बिजली का बिल उसमें समायोजित हो जाएगा।
बता दें, यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से रूफ टॉप सोलर योजना के दूसरे चरण में यूपीसीएल द्वारा बतौर नोडल इकाई काम कर रहा है। इस योजना तहत घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता खुद ऊर्जा उत्पादन करके अपने बिलों की धनराशि को कम कर सकते हैं। योजना के तहत केंद्र सकरार 17 हजार 662 रुपये प्रति किलोवाट की दर से ही उपभोक्ता को तीन किलोवाट क्षमता तक का ही सोलर प्रोजेक्ट छत पर लगाने की
वित्तीय मदद करती है। जबकि तीन से 10 किलोवाट तक की क्षमता तक पैनल लगाने को केंद्र सरकार 8831 रुपये प्रति किलोवाट तक की वित्तीय सहायता दे रही है।
वहीं, उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस योजना के तहत 138 लाभार्थियों ने छतों पर 1346 किलोवाट क्षमता के संयंत्र लगाए हुए हैं। जिसके लिए उपभोक्ता केंद्र सरकार की वेबसाइट www.solarrooftop.gov.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इसी के साथ ही आवेदनों का अवलोकन करने के बाद यूपीसीएल उसे तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर, संयंत्र को ग्रिड से जोड़ दिया जाता है।
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