India News UP (इंडिया न्यूज ),Uttarakhand News: पहाड़ों में जीवन वाकई काफी मुश्किल भरा होता है। एक तरफ हम चांद और मंगल ग्रह पर पहुंच गए हैं, लेकिन आज भी कई इलाके ऐसे हैं जहां पूर्ण रूप से सड़क नहीं है। ऐसे में बचाव दल को पशुधन सहायक के शव को ल्वान गांव तक लाने के लिए 100 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।
मुनस्यारी विकासखंड के मल्ला जोहार के ल्वां गांव के मृतक पशुधन सहायक का पार्थिव शरीर मुनस्यारी पहुंच गया है। पशुधन सहायक का पार्थिव शरीर लाने के लिए पुलिस और राजस्व विभाग की टीम को 100 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ी।
दुर्गम और पथरीले रास्तों से इतनी दूरी तक शव लाना टीम के सदस्यों के लिए आसान काम नहीं था। गंगोलीहाट के सिरौला गांव निवासी पशुधन सहायक दान सिंह (59) पुत्र देव सिंह विभागीय कार्य से मल्ला जोहार के ल्वां गांव गए थे। अचानक सांस लेने में दिक्कत होने से उनकी मौत हो गई।
दुर्गम व पथरीले रास्तों से शव को इतनी दूरी तक लाना टीम के सदस्यों के लिए आसान काम नहीं था। गंगोलीहाट के सिरौला गांव निवासी पशुधन सहायक दान सिंह (59) पुत्र देव सिंह विभागीय कार्य से मल्ला जोहार के ल्वां गांव गए थे। अचानक सांस लेने में दिक्कत होने से उनकी मौत हो गई।
सूचना मिलने पर मुनस्यारी थाने के एसआई देवेंद्र बिष्ट, राजस्व उपनिरीक्षक दिनेश भंडारी, कांस्टेबल वीरेंद्र यादव, होमगार्ड देवेंद्र सिंह रविवार को करीब 50 किमी दूर ल्वां गांव पहुंचे। इसके बाद टीम के सदस्य शव को स्ट्रेचर पर बांधकर मुनस्यारी के लिए रवाना हुए। आखिरकार कई कठिन परिस्थितियों में टीम के सदस्य पशुधन सहायक के शव को मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुनस्यारी लेकर आए। यहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।