India News (इंडिया न्यूज़),Uttarakhand Tourism Department: उत्तराखंड पर्यटन विभाग तथा पर्यटन एवं आतिथ्य कौशल परिषद के तत्वाधान में नेचर गाइड पूर्व कौशल और अनुभव को मान्यता के तहत दस दिवसीय निशुल्क कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूनम चंद अपर निदेशक पर्यटन विभाग उत्तराखंड के द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। पूनम चंद अपर निदेशक पर्यटन विभाग उत्तराखंड ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा उत्तराखंड में डेस्टिनेशन गाइड प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। उसी के तहत 20 सितंबर से 20 दिसंबर तक पूरे राज्य में 500 नेचर गाइड का प्रशिक्षण का कार्यक्रम शुरू किया गया है।
जिसका मसूरी एमपीजी कॉलेज में पहला कार्यशाला का आयोजन किया गया है। जिसमें 50 से 60 नेचर गाइड प्रतिभाग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग का उद्देश्य है की प्रकृति को पर्यटन से सीधा जोड़ा जाए। प्रकृति के साथ पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन और प्रकृति में आपस में संतुलित बनाए जाना को लेकर लगातार वन विभाग और र्प्यटन विभाग द्वारा काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नेचर गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम शहर के साथ गांव के दुरुस्त इलाकों में भी किया जा रहा है।
जिससे कि नए ट्रैक रूट को विकसित किया जा सके और दूर दराज के गांव में होमस्टे जैसी योजनाओं को लाया जा सके जिससे गांव में हो रहे पलायन को रोकना जा सके व गांव में रहने वाले लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि नेचर गाइड प्रशिक्षण का कार्य गढ़वाल और कुमाऊं के विभिन्न क्षेत्रों में शुरू किया जा चुका है। नेचर गाइड जहां प्रकृति से पर्यटकों को रूबरू करेंगे वह वहां के इतिहास से भी अवगत कराया जाएगा और नेचर गाइडों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध कराये जा सके।
एमपीजी कॉलेज के प्राचार्य अनिल चौहान ने बताया कि अगर परंपरा के अनुसार और लीक से हटकर काम करता है। वह हमेशा कामयाब होता है और इसी दिशा में पर्यटन विभाग नेचर गाइड प्रशिक्षण का आयोजन कर बच्चों को नेचर गाइड बनाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी जीव के लिए प्रकृति का होना बहुत जरूरी है और पर्यावरण संतुलित हो उसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि एमपीजी कॉलेज महाविद्यालय के 50 छात्र छात्राएं इस नेचर गाइड प्रशिक्षण में प्रतिभा कर रहे हैं और उनका पूरा विश्वास है कि इस प्रशिक्षण से उन छात्र-छात्राओं लाभान्वित होंगे। वहीं बच्चों को स्वावलंबी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा की नई शिक्षा नीति 2023 के अंतर्गत स्किल डेवलपमेंट और एंटरप्रेन्योरशिप की भूमिका दी गई है। जी 20 के तहत पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाई गई है। पर्यावरण के साथ बच्चों को स्वावलंबन बनाए जाने की लेकर जो नीति है। उससे पूरे उत्तराखंड के युवाओं को लाभ मिलने जा रहा है।