India News(इंडिया न्यूज़), Uttarakhand News: मसूरी के सेंट जॉर्ज कॉलेज में 10 से 12 मई तक चलने वाली तीन दिवसीय ‘मैनरफेस्ट’ प्रतियोगिता का समापन बहुत ही धूमधाम से हुआ। इस सांस्कृतिक महोत्सव के अंतिम दिन अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम के आरंभ में पिछले दो दिनों में आयोजित प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित किए गए व विजेता छात्रों को पुरस्कृत किया गया। रंगोली, माइम, हिंदी कहानी वाचन, कविता प्रतियोगिता व दास्ताने गोइ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्शण जूनियर व सीनियर वर्ग की नृत्य प्रतियोगिताएँ रहीं। कॉलेज की इन वार्षिक सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में सभी सदनों के छात्रों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया और अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
प्रतियोगिताओं में सब-जूनियर वर्ग में मेहतेज सिंह साहनी को, जूनियर में टेनज़िन जॉर्डन को, इंटर्स में विनम्र मेहरा को व सीनियर में रूद्रार्थ राणा को व्यक्तिगत चैंपियनशिप मिली। टैपसिल्स सदन सर्वाधिक 443 अंक पाकर विजेता घोषित किया गया। मार्थिन्स सदन 426 अंक पाकर द्वितीय स्थान पर व गेट्लीज सदन 420 अंक पाकर तीसरे स्थान पर रहा।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध जागर सम्राट, ख्याति प्राप्त गढ़वाली लोक गायक, कवि व संगीतकार ‘‘पश्री’’ प्रीतम भरतवाण ने छात्रों के प्रदर्शन की प्रशंसा की। छात्रों की प्रतिभा को सराहते हुए उन्होंने कहा कि वे भाग्यशाली हैं कि उन्हें सेंट जॉर्ज सरीखे विद्यालय में अपनी प्रतिभा को निखारने के अनेक अवसर मिलते हैं। छात्रों के निवेदन पर उन्होंने अपना सुप्रसिद्ध गढ़वाली गाना सरूली मेहरू गाया, जिसका श्रोताओं ने भरपूर आनंद उठाया। इस मौके पर मुख्य अतिथि पदमश्री डा. प्रीतम भर्तवाण ने कहा कि सेंट जार्ज कालेज विश्व का ख्याति प्राप्त स्कूल है।
वहीं पढाई के साथ ही बच्चों ने बहुत ही सुंदर कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों को पढाई के तनाव से राहत मिलती है उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास रहेगा कि वह पहाड़ की लोक संस्कृति से बच्चों को अवगत करायें।
इस समारोह में सुपीरियर ब्रदर पी॰ यू॰ जॉर्ज, उप-प्रधानाचार्य ब्रदर शाजू थॉमस, ब्रदर इसिडोर टिर्की, सीनियर को-ऑर्डिनेटर पी॰ डी॰ जायसवाल, कल्चरल को-ऑर्डिनेटर दीपाली बल्लभ व भवनेश नेगी उपस्थित रहे। प्रधानाचार्य ब्रदर रमेश अमलानाथन ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को मंच पर अपनी प्रतिभा को निखारने का कोई भी अवसर चूकना नहीं चाहिए क्योंकि हर विद्यार्थी में कोई न कोई प्रतिभा छिपी होती है।