इंडिया न्यूज: (When will the condition of the road improve) ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ठेकेदारो और विभाग पर लापरवाही बरतने और जानबूझकर इस खतरनाक मोटरमार्ग पर जान जोखिम में डालकर यात्रा करने का आरोप विभाग पर लगाया है।
उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रो को यातायात से जोड़ने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ढर्रे पर खड़ी नजर आ रही है। यूं तो निर्माण कार्यो में अनियमितता के आरोप विभाग पर पहले से ही लगते आ रहे हैं। अब स्थिति ये है कि ठेकेदार तक विभाग से टेंडर लेकर समय पर कार्य पूरा न करके आमजन को तो सुविधाओं से वंचित रख ही रहे हैं, बल्कि विभागीय अधिकारियों को भी इस लापरवाही के बाद ठेंगा दिखा रहे हैं ।
दरसल देवाल विकासखण्ड के सुदूरवर्ती गांव घेस को जोड़ने वाली कुनारबैंड -घेस सड़क अपनी बदहाली के आंसू आप रो रही है। एक वर्ष पूर्व अनुरक्षण कार्य के तहत विभाग ने इस मोटरमार्ग पर सड़को के गड्ढे भरने के लिए पैचवर्क के नाम पर 47 लाख रुपये का टेंडर लगाया था। लेकिन ठेकेदार ने सड़क के गड्ढे भरने के लिए कोलतार के ड्रम सड़क किनारे खड़े तो कर दिए लेकिन कार्यावधि तक भी आमजन की सहूलियत के लिए इन गड्ढो को भर नहीं पाया। जिसके बाद से गुस्साए ग्रामीणों ने ठेकेदार और विभाग पर लापरवाही बरतने और जानबूझकर इस खतरनाक मोटरमार्ग पर जान जोखिम में डालकर यात्रा करवानेके आरोप विभाग पर लगाये है।
वहीं, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा समय पर कार्य पूरा नहीं किया गया। जिसके चलते वायर क्रेट और दीवारों पर 47 लाख में से सिर्फ 5 लाख ही खर्च हो पाया है। साथ ही वर्तमान में सड़क लोक निर्माण विभाग को ट्रांसफर की जा चुकी है। ऐसे में शेष 42 लाख शासन को वापस भेजा जा चुका है, साथ ही विभागीय अधिकारियों का कहना है कि समय पर कार्य पूर्ण न करने के चलते ठेकेदार द्वारा जमा की गई सिक्योरिटी मनी जब्त कर ली जाएगी और अन्य कार्यवाही भी अमल में लायी जाएगी।