Uttarakhand: देश के पहले सीडीएएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए देहरादून के कनक चौक पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनकी मूर्ति का अनावरण किया। थल सेना अध्यक्ष के पद से सेवानिवृत जनरल विपिन रावत को देश का पहला सीडीएस बनाया गया था_ सीडीएस बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी के रहने वाले थे जो गोरखा रेजीमेंट के सैन्य अधिकारी थे। आपको बता दें कि सीडीएस बिपिन रावत 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुल्लू में एक हैलीकॉप्टर क्रैश के दौरान शाहिद हो गए थे। इस दौरान उनकी पत्नी और हेलीकॉप्टर में मौजूद 11 लोगों की इस केस में मौत हो गई थी।
देहरादून के परेड ग्राउंड के पास मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड के सैनिक एवं परिवार कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने उनकी मूर्ति का अनावरण किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनरल बिपिन रावत देश कभी नहीं भुला सकता उन्होंने कहा कि उनकी जिस मूर्ति का अनावरण किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनरल बिपिन रावत देश कभी नहीं भुला सकता। उन्होंने कहा कि उनकी जिस मूर्ति का अनावरण किया गया है उसे देखकर सेना में जाने वाले युवा उनके पराक्रम और उनके सेना के लिए दिए जाने वाले योगदान को हमेशा याद रखेंगे। जिससे उन्हें भी सेना में जाने के लिए प्रेरणा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊँ मंडल के सभी मंदिरों का सौंदर्यीकरण कर उनमें अवस्थापना सुविधाएं विकसित कर उन्हें जोड़ने का कार्य एक सर्किट के रूप में किया जा रहा है। देश में उत्तराखण्ड राज्य एक ऐसा राज्य होगा जो प्रत्येक क्षेत्र में आगे होगा।
मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने आज देहरादून में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का लोकार्पण करते हुए कहा कि जनरल बिपिन रावत की स्मृति को चिरस्थायी बनाये जाने के लिए प्रदेश की किसी बड़ी परियोजना का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा। pic.twitter.com/SDb69hAkCs
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) April 14, 2023
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने आज देहरादून में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का लोकार्पण करते हुए कहा कि जनरल बिपिन रावत की स्मृति को चिरस्थायी बनाये जाने के लिए प्रदेश की किसी बड़ी परियोजना का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा। सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सीडीएस रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी आकस्मिक मृत्यु से देश को अपूरणीय क्षति पहुंची है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के सैनिकों का विशिष्ट योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि जनरल बिपिन रावत की मातृभूमि के लिए चार दशकों की निःस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी। जीवन के अंतिम दिन तक वे केवल और केवल देश के लिए ही जिये। उनका सेनाध्यक्ष तथा प्रथम सीडीएस बनना ये स्पष्ट दर्शाता है कि वे कितने योग्य जनरल थे। वहीं सैनिक एवं परिवार कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भी कहा कि देश के प्रथम सीडीएस रहे जनरल बिपिन बिपिन रावत के पराक्रम की कहानियों को हमेशा जिंदा रखने के लिए आज उनकी लोकार्पण किया गया है जो हमारे लिए गौरव की बात है।