India News (इंडिया न्यूज़), Uttarkashi News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में काफी दिनों से सांप्रदायिक तनाव की खबरें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि मुस्लिम समुदायक के लोग अपना कारोबार समेट पालयान कर रहे है। कई मुस्लिम परिवार पुरक इलाके से निकल चुके हैं। हालांकि पुलिस प्रशासन इन बातों को नकार रहा हैं व लगातार पालायन का खबरों को खारिज कर रहें हैं।
सूत्रों के अनुसार शकील ने अपना 42 साल पुराना व्यापार छोड़कर देहरादून बसने का फैसला किया है। उन्होंने ये कदम पुरोला में लगातार उठाया है। सलीम बताते हैं कि उनके पिता 42 साल पहले यहां आए थे और फड़ लगाकर कपड़े बेचा करते थे। तकरीबन 15 साल पहले उन्होंने पुरोला में कपड़ों की दुकान खोली थी। लेकिन अब स्थिति बिगड़ने के कारण वह देहरादून शिफ्ट हो रहे हैं।
शकिन ने बताया कि उन्हें करनपुर में एक दुकान मिली है। जहां उनके भाई का पहले से ही 1 मेडिकल स्टोर है। सूत्रों के अनुसार पुरोला में अभी 8 व्यापारी दुकान छोड़ चुके हैं, वहीं यमुना घाटी में दुकान छोड़ने वालों की तादाद अब 12 हो गई है। जब से माहौल खराब हुआ है मु्स्लिम व्यापारी ये कदम उठा रहे हैं।
26 मई के दिन उबैद और जितेंद्र सैनी को स्थानी लोगों ने एक नाबालिग लड़की के साथ पकड़ा था। ये आरोप था कि वह लड़की को भगाने की कोशिश कर रहे थे। जिसकी खबर लगते ही स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। दोनों लड़के नजीबाबाद के रहने वाले हैं और गद्दे की दुकान पर काम करते थे। जिसे लेकर मुस्लिम व्यापारियों के खिलाफ लव जिहाद के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया गया।
इस तनाव के कारण बीजेपी नेता व कार्यकर्ता ने भी उत्तरकाशी से अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद जाहिद ने भी बीते बुधवार को परिवार के साथ पुरोला छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने 3 साल पहले बीजेपी ज्वाइन की थी और वह 25 साल से यहीं रह रहे थे। इसके अलावा कई और नेताओं ने इलाके को छोड़ दिया है। लोगों को कहना है कि जब यहां सत्ताधारी दल के नेता सुरक्षित नहीं है तो फिर वे कैसे यहां रह सकते हैं। लव जिहाद को लेकर ऐसी घटनाएं-घटित हुई पैसे लेकर उत्तराकाशी के लोगों में गुस्सा हैं।
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