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Uttarkashi Tunnel Rescue Live: उत्तरकाशी सुरंग रेस्क्यू का आज 12वां दिन, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौके पर हैं मौजूद

• LAST UPDATED : November 23, 2023

India News ( इंडिया न्यूज़ ), Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी सुरंग में आज राहत बचाव कार्य का 12 वां दिन है। खबर आ रही है कि अब सिर्फ 10 से 12 मीटर पाइप और ड्रिल किया जाना है। बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सुरंग के पास मौजूद हैं। मुख्यमंत्री ने ये कहा है कि पीएम मोदी हर रेस्क्यू का अप्डेट ले रहे हैं।

10:00 PM, 23/11/2023

ऑगर ड्रिल मशीन का बेस हिलने के कारण फिलहाल के लिए ड्रिलिंग को रोक दिया गया है। आज की रात भी मजदूरों को सुरंग में ही गुजारनी पड़ेगी। इस दौरान सचिव नीरज खैरवाल का कहना है कि बेस को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है। अब सुबह 6 बजे दोबारा ड्रिलिंग शुरू कर दी जाएगी। कल तक इस ऑपरेशन के सफल होने की संभावना है।

11:55 AM, 23/11/2023

14-15 घंटों में हम 60 मीटर तक पार कर लेंगे- PMO के पूर्व सलाहकार

उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, “हमें उम्मीद है कि जो बाधाएं आनी थीं उसे हम पार कर चुके हैं… अगले 14-15 घंटों में हम 60 मीटर तक पार कर लेंगे, ड्रिलिंग का काम जारी है… 12 से 14 घंटे हमें वहां पहुंचने में लगेंगे। उसके बाद वहां श्रमिकों को एकत्र करके NDRF की सहायता से बाहर निकालने में 2-3 घंटे का समय लग सकता है।”

10:59 AM, 23/11/2023

अभियान का जायजा लेने पहुंचे सीएम धामी

उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग बचाव | उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “ऑगर मशीन के जरिए 45 मीटर पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। बचाव अपने अंतिम चरण में है। कुछ बाधाएं आ रही हैं लेकिन हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि जल्द से जल्द सभी श्रमिक बाहर आएं… बचाव के बाद की तैयारियां कर ली गई हैं। एम्बुलेंस और अस्पताल उनके चेकअप और इलाज के लिए तैयार है… प्रधानमंत्री मोदी हर दिन बचाव अभियान पर अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने आज भी अपडेट लिया है। हमारे एक्सपर्ट्स मजदूरों को बचाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं…

8:32 AM, 23/11/2023

राहत बचाव कार्य के बीच आज 12वां दिन हैं। अब केवल 6 मीटर की दायरा ड्रिलिंग बाकी रह गई है। लेकिन ऑगर मशीन में खराबी आने के कारण उसे बंद किया गया है। दिल्ली से 7 एक्सपर्ट हेलिकॉप्टर से उत्तरकाशी आने वाले है। साथ ही ऑगर मशीन को ठीक करने के लिए भी हेलिकॉप्टर से एक और मशीन लाई गई है। बचाव अभियान अंतिम चरण पर है। किसी भी समय गुड़ न्यूज़ मिल सकती है। अंदर फंसे मजदूरों का बाहर इतंजार कर रही है, ताकि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जा सके।

कल एनडीआरएफ की टीम इस टनल में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर गई है। जानकारी के मुताबिक मजदूरों को निकालने के क्रम में 45 मीटर पाइप ड्रिलिंग का काम भी पूरा हो चुका है। वहीं अब इस टनल में रस्सी और स्‍ट्रेचर के साथ ले जाया जा रहा है। जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि यहां फंसे मजदूर जल्द ही बाहर आ सकते हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्यों में से एक गिरीश सिंह रावत ने खबर एजेंसी एएनआई को बताया कि ”रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग आखिरी चरण में है। उम्मीद है 1-2 घंटे में नतीजे आ जाएंगे.मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पाइपलाइन डाली जा रही है। मलबे में फंसे स्टील के टुकड़ों को काटकर हटा दिया गया।

डीएम रुहेला मौजूद मौके पर 

उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रुहेला भी बचाव कार्यों का मुआयना करने मौके पर पहुंच चुके हैं।

अब केवल छह मीटर की ड्रिलिंग बाकी

एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार अब केवल छह मीटर की ड्रिलिंग बाकी है। जो कि आधे  घंटे में पूरी होने की उम्मीद है। इसके साथ ही आठ बजे चिनूक हेलीकॉप्टर चिन्यालीसौड हवाई अड्डे पर लैन्ड करने वाला है। अगर मजदूरों को एयरलिफ्ट करने की जरूरत पड़ी तो ऐसे में यह तैयार रहेगा।

पर्यटन विभाग विशेष कार्यकारी अधिकारी

इससे पहले पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे द्वारा जानकारी दी गई थी कि अगले चरण का काम दो घंटे में शुरू किया जाएगा। बता दें कि खुल्बे मौजूदा वक्‍त पर उत्तराखंड पर्यटन विभाग में विशेष कार्यकारी अधिकारी के रुप में तैनात हैं। उन्‍होंने कहा कि ‘मुझे आपको यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हम पिछले 1 घंटे से जो काम कर रहे थे, हमने अमेरिकी ओगर मशीन के साथ 6 मीटर की लंबाई और ड्रिल की है। मुझे उम्मीद है कि अगले 2 घंटों में अगले चरण के लिए काम शुरू हो जाएगा।’

12 नवंबर को  हुआ था हादसा

बचावकर्मियों ने चारधाम रोड पर बनी सुरंग के बारकोट छोर पर भी दो विस्फोटक उपकरण विस्फोट किए और अंदर फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए एक और सुरंग खोदना शुरू कर दिया। 12 नवंबर को उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन 4.5 किलोमीटर लंबी सिल्क याला सुरंग का एक हिस्सा ढह गया, जिससे मलबे के दूसरी तरफ मजदूर फंस गए।

सभी लोग सुरक्षित

अधिकारियों ने कहा कि मलबे में डाली गई 6 इंच की पाइप के माध्यम से एक एंडोस्कोपिक लचीला कैमरा श्रमिकों तक भेजा गया था, और सुबह-सुबह लिए गए वीडियो से पता चला कि वे सुरक्षित थे। यह कैमरा सोमवार देर शाम दिल्ली से सिल्कयारा लाया गया। वीडियो में पीली और सफेद सख्त टोपी पहने श्रमिकों को पाइपलाइन के माध्यम से भेजा गया भोजन प्राप्त करते और एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाया गया है।

सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों के नाम

  1. सबाह अहमद, बिहार
  2. सोनु शाह, बिहार
  3. वीरेन्द्र किसकू, बिहार
  4. सुशील कुमार, बिहार
  5. गब्बर सिह नेगी, उत्तराखंड
  6. रविन्द्र, झारखंड
  7. रनजीत, झारखंड
  8. अनिल बेदिया, झारखंड
  9. श्राजेद्र बेदिया, झारखंड
  10. सुकराम, झारखंड
  11. टिकू सरदार, झारखंड
  12. गुनोधर, झारखंड
  13. मनिर तालुकदार, पश्चिम बंगाल
  14. सेविक पखेरा, पश्चिम बंगाल
  15. अखिलेष कुमार, यूपी
  16. जयदेव परमानिक, पश्चिम बंगाल
  17. सपन मंडल, ओडिशा
  18. विश्वजीत कुमार, झारखंड
  19. सुबोध कुमार, झारखंड
  20. भगवान बत्रा, ओडिशा
  21. अंकित, यूपी
  22. राम मिलन, यूपी
  23. सत्यदेव, यूपी
  24. सन्तोष, यूपी
  25. जय प्रकाश, यूपी
  26. राम सुन्दर, उत्तराखंड
  27. मंजीत, यूपी
  28. रनजीत, झारखंड
  29. समीर, झारखंड
  30. विशेषर नायक, ओडिशा
  31. राजू नायक, ओडिशा
  32. महादेव, झारखंड
  33. मुदतू मुर्म, झारखडं
  34. धीरेन, ओडिशा
  35. चमरा उरॉव, झारखंड
  36. विजय होरो, झारखंड
  37. गणपति, झारखंड
  38. संजय, असम
  39. राम प्रसाद, असम
  40. विशाल, हिमाचल प्रदेश
  41. पु्ष्कर, उत्तराखंड

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