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Uttarkashi Tunnel Rescue: टनल में फंसे मजदूरों को बचाने आ गई सेना, Indian army से पूरे देश को उम्मीदें

• LAST UPDATED : November 26, 2023

India News(इंडिया न्यूज़),Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल के अन्दर फंसे 41 मजदूरों को 15 दिन हो चुके हैं। टनल के अंदर फंसे सभी मजदूरों को यहीं आस है कि अब उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकाला जाएगा। हालांकि, रेस्कयू ऑपरेशन में कई दक्कतें आ रही हैं। मजदूरों को निकालने में हो रही देरी को देखते हुए टनल के रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे अधिकारियो ने अंदर फसं सभी मजदूरों के लिए स्मार्ट फोन भेजे हैं। इन भेजें गए फोन के जरीए अंदर फंसे मजदूर लूडो और सांप सीढ़ी खेल कर अपना तनाव कम करेंगे।

26/11/2023 12:40:05

उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग बचाव। एसजेवीएन ने सुरंग के शीर्ष पर लंबवत ड्रिलिंग कार्य शुरू किया। दूसरे विकल्प के तौर पर सुरंग के ऊपर की पहाड़ी से वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया।

26/11/2023 11:13:05

भारतीय सेना मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू करेगी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू करेगी।

26/11/2023 10:57:19

मजदूरों के परिवार वालों से मिलने पहुंचे सीएम धामी

प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी टनकपुर निवासी श्रमिक पुष्कर सिंह ऐरी के परिवार से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे। पुष्कर सिंह ऐरी सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों में से एक हैं।

फोन में डाउनलोड करके भेजे गए गेम

टनल में फंसे मजदूरों का ध्यान तनाव से हटाने के लिए ये फैसला लिया गया है, जिससे अंदर फंसे सभी मजदूर गेम खेलें और मुसूबत के समय एक-दूसरे का हौसला बढ़ाएं। स्मार्टफोन की मदद् से उन्हें टनल में समय बिताने में दिक्कत नहीं होगी। टनल में फंसे सभी मजदूरों तक जो फोन भेजे गए है उनमें सांप सीढ़ी, लूडो और दूसरे अन्य खेल पहले से ही डाउनलोड करके भेजे गए है।

टनल से बाहर न निकल पाने के कारण घबराएं मजदूर

मजदूरों के परिजनों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि अंदर फंसे कुछ लोग बहुत ज्यादा चिंता में हैं। उन्होंने खाना-पीना तक छोड दिया है। काफी दिन होने के बाद भी बाहर ना निकल पाने के कारण अब उन्हें घबराहट हो रही है। इसी लिए रेस्क्यू टीम ने मजदूरों के लिए फोन फेजा है। शायद वे स्मार्ट फोन पहुंचने के बाद अब उनका माइंड डायवर्ट हो और वे अंदर ठीक से रह पाए।

अभी लग सकता है समय

वर्टिकल तरीके से ड्रिल का काम 2 दिन में शुरू हो पाएगा। ऐसे में ये साफ तौर पर कहा जा सकता है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी देरी लग सकती है। मशीन को पहले पहाड़ के टॉप पर ले जाकर इंस्टॉल किया जाएगा। जिसके बाद ही ड्रिल की प्रकिया शुरू हो पाएगी। वर्टिकल तरीके से ड्रिल करने के लिए करीबन 81 से 85 मीचर का ड्रिल करना होगा। जिसके लिए लंबा समय लग सकता है।

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