India News (इंडिया न्यूज़),UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड की धामी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। दरअसल प्रदेश सरकार ने राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड और समान नागरिक आचार संहिता को लेकर बड़ा ऐलान किया है। समान नागरिक संहिता में जल्द ही बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। जिसका असर राज्य के हर नागरिकर पर पड़ेगा।
इससे पहले जनवरी में यूसीसी का ड्राफ्ट कमेटी की तरफ से सौंपा जाएगा। इसके बाद नए कानूनों को लागू किया जाएगा। दरअसल एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की जानकारी दी। जनता को संबोधित करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आगे यह भी कहा कि जल्द ही राज्य में समान नागरिक आचार संहिता लागू होगी।
साल 2022 की 27 मई को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा उठाया था। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि जल्द ही उत्तराखंड़ में भी समान नागरिक आचार संहिता कानून लागू होगा। इसी दौरान एक टीम भी कठित की गई थी। जिन्होंने राज्य के कानूनों के बारे में जानकारी हासिल की थी। साथ ही राज्य के कानूनों के बारे में पूरी तरह जांच की थी। इसी बीच जानते है अगर उत्तराखंड़ राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होती है तो क्या क्या बदलाव देखने को मिल सकते है।
यदि उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है तो फिर तलाक कानून की प्रक्रिया पूरी तरह से बदल दी जाएगी। यानी की तलाख केवल कानून प्रक्रिया से ही मान्य होगा । जिसके बाद तलाक करने के सारे धार्मिक तरिके बंद हो जाएंगे । सभी धार्मिक तरिकों को अवैध करार कर दिया जाएगा। नए कानून के दायरे में तलाक-ए-हसन और तलाक-ए-अहसन भी शामिल होंगे । ये सभी तरिके भी रद्द कर दिए जाएंगे। यानी किसी भी दंपत्ति को तलाक लेना होगा। तो वो सिर्फ कानूनी नियमों के जरिए तलाक ले सकेगा।
आज कल के समय में लिव-इन रिलेशन सबसे ज्यादा चल रहा है। इसके रिश्तों में दुष्परिणाम देखने को मिल रहे है। जिसके कारण इस कानून में भी अहम बदलाव होंगे । यदीं आप लिव इन में रह रहे हो । तो आपको अब सजा भी हो सकती है। नए कानून लागू होने के बाद लिव-इन रिलेशन में बड़े बदलाव होंगे । यदीं आप शादी से पहले किसी के साथ रहना चाहते है। उसके लिए आपको लिव-इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन करना होगा । जिसकी जानाकारी आपके माता-पिता को भी दी जाएगी। यदीं आपके माता-पिता इस पर सहमति जताते है तो आप लिव-इन में रह सकेंगे वरना नहीं।
यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद बहुविवाह, हलाला और इद्दत पर भी रोक लग जाएगी। लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु भी बदली जा सकती है। लड़कियों की शादी करने की उम्र 18 साल तय की गई है। अब इस कानून में भी बदलाव हो सकते है। 18 के बदले अब लड़की की शादी के लिए उम्र 21 हो सकती है।
सबसे जरूरी कानून शादी होने के बाद लड़का लड़की दोनों का रजिस्ट्रेशन मान्य रखा जाएगा। यानी कि सबके लिए शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। यदीं दंपत्ति शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते है तो उन्हें सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। गांव इलाकों में भी दंपत्ति का रजिस्ट्रेशन मान्य होगा । इसकी जानकारी सभी को दी जाएगी।
यदीं कोई दंपत्ति तलाक लेता है। तो उसमे दोनों के समान आधिकार बनाए जाएंगे। तलाक का आधार जो पति के लिए लागू होगा उसी आधार पर पत्नी भी तलाक ले सकेगी ।
सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड के यूसीसी पैनल में गोद लेने वाले बच्चों के लिए अहम कानून बनाएंगे। किसी भी धर्म में और यदीं किसी भी धर्म के बच्चे को गोद लेते हो तो सभी के लिए नियम एक ही होगा। इसके लिए बच्चों को जैविक संतानों के सामान अधिकार की सिफारिश की जाएगी
मुस्लिम समुदाय में एक से ज्यादा शादी करने की इजाजत है, जिसे नए कानून लागू होने के बाद खत्म कर दिया जाएगा। दरअसल पर्सनल लॉ के अनुसार इस कानून में भी बड़े बदलाव होंगे। इसके अलावा उत्तराखंड में यूसीसी के लिए बना पैनल की सिफारिशों में सबसे अहम मुस्लिमों सहित सभी महिलाओं को संपत्ति में समान अधिकार दिलाने की बात की गई है।
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