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Uttarkashi tunnel rescue: ड्रिलिंग फिर से शुरू, सुरंग में 46 मीटर तक पाइप डालने का काम पूरा

• LAST UPDATED : November 24, 2023

India News ( इंडिया न्यूज ) Uttarkashi tunnel rescue: 12 नवंबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग ढहने से 41 मजदूर फंस गए थे, उन सभी को निकालने का ऑपरेशन तेजी से जारी है, सिल्क्यारा से गिरते मलबे ने बारकोट सुरंग को सिल्क्यारा की तरफ 60 मीटर की दूरी पर बेकार कर दिया था, इस सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए ड्रिलिंग के जरिए सुरंग के अंदर 44 मीटर पाइप लगाने के बाद आज कुछ अच्छी खबर मिलने की उम्मीद है, उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी बचाव अभियान की निगरानी के लिए रात भर घटनास्थल पर रहे, ड्रिलिंग का काम आज सुबह फिर से शुरू हो गया है।

अच्छी टेक्नोलॉजी कर रही मदद

यहां इस्तेमाल हो रही टेक्नोलॉजी के बारे में क्या आप जानते हैं। टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क करने की बात हो या  दूसरा रास्ता बनाने की बात हो इन सभी चीजों में टेक्नोलॉजी बहुत अहम भूमिका निभा रही है। बता दें कि रेस्क्यू मिशन का रास्ता बनाने के लिए ऑगर मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि ऑगर मशीन बड़े हेलीका स्क्रू ब्लेड्स से लैस है। साथ ही ये ब्लेड्स सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए रास्ता बनाने का काम कर रही है। ऑगर मशीन का इस्तेमाल ट्रेंचलेस टेक्नोलॉजी के साथ जोड़कर किया जा रहा है। बता दें कि इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अतिरिक्त खुदाई के बिना पाइप डालने के लिए किया जाता है। इस तरह की टेक्नोलॉजी का यूज सामान्य रूप से अंडरग्राउंड यूटिलिटी, रेस्क्यू ऑपरेशन और दूसरे काम के लिए किया जाता है।

कैसे की जा रही मदद

इस टेक्नोलॉजी की मदद से टनल में फंसे मजदूरों के लिए एक अलग रास्ता बनाने का काम किया जा रहा है। इसके साथ यह भी खास ध्यान रखा जा रहा है कि सुरंग का मौजूदा स्ट्रक्चर खराब न हो। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल मजदूरों से संपर्क के लिए भी किया जा रहा है।

संपर्क करने में हो रही मदद

इस ऑपरेशन में कैमरा और सेंसर एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जिसके वजह से मजदूरों की हालिया स्थिति के बारे में भी जानकारी मिल रही है। तो वहीं इस ऑपरेशन में कौन से कैमरे का इस्तेमाल किया जा रहा है उसकी सही जानकारी नही मिल पाई है। साथ ही मजदूरों से संपर्क करने के लिए फोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अंदर फंसे मजदूर से फोन के जरिए संपर्क किया है।

ट्रे सिस्टम

तो वहीं मजदूरों तक सामान पहुंचाने के लिए पाइप और ट्रे सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके लिए एक पाइप भी इंस्टॉल किया गया है। जिससे खाना और दूसरी चीजों को पहुंचाने का काम किया जा रहा है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि 12 नवंबर से उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में 41 मजदूर फंसे हुए हैं। जिनको बचाने के लिए रेस्क्यू मिशन जारी है।

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