India News (इंडिया न्यूज़), UP Assembly: उत्तर प्रदेश विधान मंडल के मानसून सत्र की शुरूआत आज से हो गई है। मानसून सत्र के शुरूआत के पहले ही दिन मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के बाद स्थगित कर दी गई। सत्र के दौरान विपक्ष कानून व्यवस्था, अपराध, महंगाई, निराश्रित पशुओं और किसानों की समस्याओं के मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरा।
मंगलवार सुबह 11:00 बजे तक विधानसभा स्थगित
उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के बाद स्थगित कर दी गई। सपा रालोद और कांग्रेस ने मिलकर हिंसा की मांग की । लेकिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मांग को इंकार कर दिया गया। जिसके बाद विपक्ष ने विधानसभा में जमकर नारेबाजी करी। वहीं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा विपक्ष पर समय बर्बाद करने का आरोप लगाया। बता दें, कार्यवाही किए जाने के बाद दोपहर 1:00 बजे सदन को मंगलवार सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
#WATCH | Lucknow, UP: Samajwadi Party MLAs show placards as they protest against the state govt over various issues, inside the State Assembly. pic.twitter.com/i0Hxa8vguA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 7, 2023
ऐसी कोई जगह नहीं है जहां मणिपुर की घटना की निंदा न की गई हो
बता दें, राज्य विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव कहते हैं, “दुनिया में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां मणिपुर की घटना की निंदा न की गई हो। अमेरिका में, राष्ट्रपति कार्यालय ने इसकी निंदा की है…इंग्लैंड” इसकी निंदा की है। क्या हम बाढ़ नेता से इस पर बयान देने की उम्मीद नहीं कर सकते?…संभव है कि मुख्यमंत्री के कुछ दायित्व हों…भाजपा शासित राज्यों की बेटियों और बहनों का दिल डर से भर आया है ।”
अखिलेश यादव ने मणिपुर हिंसा पर निंदा प्रस्ताव पास करने की मांग की
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने यूपी विधानमंडल में मणिपुर का मुद्दा उठाते हुए उस पर योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया मांगी मणिपुर में हो रही हिंसा पर निंदा प्रस्ताव पास करने की मांग की है। इसके साथ ही मणिपुर में हो रही हिंसा पर निंदा प्रस्ताव पास करने की मांग की है। अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे देश के एक राज्य में हिंसा हो रही है, तो क्या हम उसकी निंदा भी नहीं कर सकते हैं। जिसके जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम दूसरे राज्यों की चर्चा नहीं कर सकते। जिस पर अखिलेश कहते दिखे कि क्या इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बयान नहीं जारी कर सकते। उन्हें इस पर बोलना चाहिए और मणिपुर में हो रही हिंसा पर निंदा करनी चाहिए।