Saturday, July 6, 2024
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UP Board ने सिलेबस में बदलाव का रखा प्रस्ताव, छात्र अब 10 विषय और 3 भाषाएं पढ़ेंगे

UP Board ने सिलेबस में बदलाव का रखा प्रस्ताव, छात्र अब 10 विषय और 3 भाषाएं पढ़ेंगे

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India News UP (इंडिया न्यूज), UP Board: उत्तर प्रदेश राज्य हाई स्कूल और इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 के अनुपालन में, कक्षा 9 और 10 के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लागू करेगा। परिवर्तन शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होंगे। एक बड़ा बदलाव यह है कि कक्षा 9 के लिए विषयों की कुल संख्या छह से बढ़कर दस हो जाएगी।

संशोधित सिलेबस में त्रिभाषा फार्मूला किया जाएगा लागू

संशोधित सिलेबस में त्रिभाषा फार्मूला लागू किया जाएगा। छात्रों को अब कम से कम तीन भाषाएं पढ़नी होंगी। बोर्ड ने बोर्ड से जुड़े 27,000 से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9 और 10 के 50 लाख से अधिक छात्रों के लिए इन परिवर्तनों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए 29 जून तक सुझाव मांगे हैं।

विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 2025-26 सत्र से कक्षा 9 में और 2026-27 सत्र से कक्षा 10 में त्रिभाषा फॉर्मूला लागू किया जाएगा। इस फॉर्मूले के तहत सभी छात्रों के लिए हिंदी अनिवार्य होगी. इसके अतिरिक्त, छात्र विकल्पों में से दो भाषाओं का चयन करेंगे, जिनमें संस्कृत, गुजराती, उर्दू, पंजाबी, बंगाली, मराठी, असमिया, उड़िया, कन्नड़, कश्मीरी, सिंधी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, नेपाली, पाली, अरबी, फारसी और अंग्रेजी शामिल हैं।

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विभाग के सचिव ने क्या बताया?

उत्तर प्रदेश बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा कि गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान भी अनिवार्य विषय होंगे। आईएएनएस की रिपोर्ट है कि छात्रों को गृह विज्ञान, मानव विज्ञान, वाणिज्य, एनसीसी, कंप्यूटर, कृषि या पर्यावरण विज्ञान में से एक विषय का चयन करना होगा। कला शिक्षा के क्षेत्र में विकल्पों में पेंटिंग, संगीत, गायन या संगीत वादन शामिल हैं। शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा में नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा तथा समाजोपयोगी उत्पादक कार्य शामिल होंगे। व्यावसायिक शिक्षा के लिए छात्र 31 विषयों में से चयन कर सकते हैं।

छात्रों को शारीरिक, कला और व्यावसायिक शिक्षा में 30 अंकों की लिखित परीक्षा के साथ-साथ 70 अंकों की आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा में बैठना होगा। ज्ञात हो कि अन्य विषयों में 80 अंकों की लिखित परीक्षा और 20 अंकों का आंतरिक मूल्यांकन होगा। अन्य प्रमुख बदलाव यह हैं कि नए पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ ग्रेडिंग प्रणाली शुरू की जाएगी और प्रश्न पत्र का प्रारूप भी बदल जाएगा।

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