UP News: ज्योतिबा फूले की आज जयंती है। ऐसे में लोग उन्हें श्रद्धांजली दे रहे हैं। इसी कड़ी में बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने ज्योतिबा फूले को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि वो महान क्रांतिकारी थे साथ ही उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव किया था। बीजेपी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि जाति की राजनीति करने वालों को बस चुनाव के समय ऐसे क्रांतिकारी याद आते हैं। बीएसपी के शासन में ज्योतिबा फूले के लिए काम किया गया।
मायावती ने किया ट्वीट
बसपा सुप्रीमों मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “देश में सामाजिक क्रान्ति के पितामह तथा नारी शिक्षा व नारी मुक्ति की ज्वाला की अपने घर से ही शुरूआत करने का मानवतावादी इतिहास रचकर उसके लिए आजीवन कड़ा संघर्ष करके अमर हो जाने वाले देश के महान सपूत महात्मा ज्योतिबा फुले को आज उनकी जयंती पर शत्-शत् नमन व अपार श्रद्धा सुमन अर्पित।”
1. देश में सामाजिक क्रान्ति के पितामह तथा नारी शिक्षा व नारी मुक्ति की ज्वाला की अपने घर से ही शुरूआत करने का मानवतावादी इतिहास रचकर उसके लिए आजीवन कड़ा संघर्ष करके अमर हो जाने वाले देश के महान सपूत महात्मा ज्योतिबा फुले को आज उनकी जयंती पर शत्-शत् नमन व अपार श्रद्धा सुमन अर्पित।
— Mayawati (@Mayawati) April 11, 2023
इसी के साथ अगले ट्वीट में बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि “ऐसे महापुरुष की बीएसपी की यूपी में सरकार बनने से पहले घोर उपेक्षा की गयी किन्तु बीएसपी के बैनर तले बहुजन समाज के राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरने से अब उनके वोट की लालच में वही जातिवादी तत्व महात्मा फुले की जयंती दिखावटी तौर पर मनाने को आतुर। यह कैसा स्मरण, कैसी श्रद्धांजलि?”
कैसा रहा है ज्योतिबा फूले का जीवन
ज्योतिबा फूले का जीवन काफी संघर्षों में बीता। महज एक साल की ही उम्र में उनकी मां का निधन हो गया था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मराठी में हुई। हालांकि कुछ विशेष कारणों से उनके पढ़ाई में गैप आ गया। 21 साल की उम्र में उन्होंने इंग्लिश मीडियम से सातवीं की पढ़ाई पूरी की थी। वहीं 1840 में उनकी शादी सावित्री बाई से हुई थी। बताया जाता है कि 1984 में वो किसी ब्राहमण दोस्त के यहां गए थे। जहां इनका काफी अपमान हुआ। इसके बाद उन्होंने ठाना कि समाज से वो असमानता को उखाड़ फेंकेंगे। इसके बाद वो छुआछूत को लेकर वो समाज में काफी सुधार के लिए जाने गए।