Friday, July 5, 2024
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UP News: सड़क परियोजनाओं के लिए मिलेगी मुफ्त शासकीय भूमि, नितिन गडकरी ने बताया विकास का फॉर्मुला

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इंडिया न्यूज यूपी/यूके, लखनऊ: यूपी में सड़कों के विकास को जल्द ही गति मिलेगी। शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ गहन समीक्षा की और सड़क परियोजनाओं के लिए निशुल्क शासकीय भूमि प्रदान किए जाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही नितिन गडकरी ने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ लखनऊ में इंडियन रोड कांग्रेस के 81वें अधिवेशन का उद्घाटन किया।

‘भारत को हमें पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है’
इस अवसर पर गडकरी ने कहा कि भारत को हमें पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। इसके लिए हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग, निवेश और रोजगार के बीच गहरा रिश्ता है। इंफ्रास्ट्रक्चर में कमी होने पर बाकी क्षेत्रों में भी पीछे हो जाएंगे। सभी तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में इंजीनियरों की अहम भूमिका है। उन्होंने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का जिक्र करते हुए कहा कि पैसों से ज्यादा जरूरी इच्छाशक्ति है। इच्छाशक्ति न होने पर सारी योजनाएं कमेटियों में फंसकर रह जाती हैं। जो शोध जमीन पर न उतर रहा हो, उस रिसर्च पेपर के कोई मायने नहीं रह जाते।

‘निर्माण की गुणवत्ता बढ़ेगी, कीमत घटेगी’
उन्होंने कहा कि वेस्ट (व्यर्थ) को वेल्थ (धन) में बदलने की कला का हमें अधिकाधिक प्रयोग करना होगा। निर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही हमें उसकी कीमत को घटाना होगा। सड़क निर्माण की प्लास्टिक समेत सभी तकनीकों का इस्तेमाल करना होगा, ताकि पर्यावरण के लिहाज से भी यह उचित रहे। उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि दुनिया के अन्य देशों में भी सबसे ज्यादा प्रशिक्षित युवा भारत के ही हैं। जापान के राजनेता तो यहां तक पूछते हैं कि क्या भारत के युवाओं में इंजीनियरिंग का कोई जीन है।

पीपीपी मॉडल रहा सफल
गडकरी ने कहा कि जब उन्होंने मंत्रालय का चार्ज संभाला तब हाईवे की 3.85 लाख करोड़ की 485 परियोजनाएं बंद थीं, जिन्हें पारदर्शी और समयबद्ध व्यवस्था लागू करते हुए पूरा कराया। उन्होंने कहा कि वेस्ट के निस्तारण में भी पीपीपी मॉडल काफी सफल है, जिसे अपनाया जाना चाहिए।

गडकरी ने कहा कि पूरे देश में सड़कों का बेहतर नेटवर्क बना है। सफर का समय काफी घट गया है। ऑटो सेक्टर 7.5 लाख करोड़ रुपये का है और इससे चार करोड़ रोजगार पैदा हो रहे हैं। सबसे ज्यादा जीएसटी इसी सेक्टर से आता है। लेकिन, ईंधन भी 70 लाख करोड़ रुपये का आयात करना पड़ता है। उन्होंने यूपी में इलेक्ट्रिक वाहनों के ज्यादा से ज्यादा प्रयोग पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने आह्वान कि अगले पांच साल में यूपी में पेट्रोल-डीजल के वाहन समाप्त कर दो। इससे कम खर्च में पर्यावरण फ्रेंडली परिवहन उपलब्ध करवाया जा सकता है।

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