Thursday, July 4, 2024
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UP NEWS: कोरोना काल के दौरान लगवाया गया आक्सीजन प्लांट बना शोपीस

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(UP NEWS: The oxygen plant installed during the Corona period became a showpiece) उत्तर प्रदेश में कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की हुई कमी और आक्सीजन सिलेंडर को लेकर हुई मारामारी को देखते हुए केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार ने जिला अस्पताल, औरास, मौरावां, बिछिया एल-1 हॉस्पिटल व बांगरमऊ के सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगवाए थे। जिससे की जिले में ऑक्सीजन की कमी न होने पाए। हालांकि सभी प्लांट चालु हालत में हैं और प्लांट को चलाने के लिए इनमें एक एक कर्मचारी भी रखा गया है।

  • कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की हुई कमी
  • आक्सीजन सिलेंडर को लेकर हुई मारामारी
  • जिले में ऑक्सीजन की कमी न होने पाए

कोविड के मरीज को दिक्कत ना हो

लेकिन फिर भी जिले के अधिकारियों के लिए ये ऑक्सीजन प्लांट महज शोपीस बने हुये है। कोविड के मरीज को दिक्कत ना हो इसके लिए बेड तक आक्सीजन लाइन भी बिछाई गयी। लेकिन उसके बाद भी सभी सरकारी हॉस्पिटल आक्सीजन प्लांट में बनने वाली ऑक्सीजन का इस्तेमाल न कर बाहर प्राइवेट से आक्सीजन सिलेंडर मंगवा रहे हैं।

हर महीने लगभग दो सौ आक्सीजन सिलेंडर खर्च होते हैं

हालांकि जिला अस्पताल में हर महीने लगभग दो सौ आक्सीजन सिलेंडर खर्च होते हैं। जिसमे एक बड़ा आक्सीजन सिलेंडर बाजार में लगभग 550 रुपया और छोटा सिलेंडर 350 रुपया में रिफिल किया जाता है। इस तरह जिला अस्पताल व अन्य सीएचसी व पीएचसी प्लांट चले तो प्रतिमाह आक्सीजन सिलिंडर को लेकर फिजूल होने वाले खर्चे से बचा जा सकता है|

बाहर से मंगवाना पड़ता है ऑक्सीजन सिलेंडर

इस संबंध में जिला अस्पताल के सीएमएस ने बताया कि हम लोगों को बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाना पड़ता है। इसलिए कि हमारे पास जो खपत है ऑक्सीजन की उतनी ज्यादा नहीं है वही प्लांट को चलाने में खर्चा ज्यादा आता है। हालांकि हम इसको भी सुबह की शिफ्ट में चलाते हैं। वही 200 के करीब ऑक्सीजन सिलेंडर की हर महीने खपत होती है|

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