UP Politics: उत्तर प्रदेश में राज्य चुनाव आयोग अब किसी भी दिन प्रदेश निकाय चुनाव 2023 का एलान कर सकता है। इसी को देखते हुए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रविवार को कहा कि नगर निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी अपने गठबंधन के सहयोगियों के साथ बातचीत कर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने ये भी दावा किया कि समाजवादी पार्टी का सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (BJP) से होगा।
बीजेपी ने स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता को दिया धोखा- अखिलेश यादव
लखनऊ में सपा मुख्यालय से रविवार को अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) ने एक बयान जारी कर कहा कि ”बीजेपी ने स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता को धोखा दिया है, नगरों में कूड़ा भरा पड़ा है, नालियों में गन्दगी है, सफाई नहीं है और सफाई न होने से नगरों में बड़े पैमाने पर डेंगू फैला, व्यापारी परेशान है, इसलिए नगर निकाय चुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी।”
अखिलेश के बयान से इन पार्टी नेताओं को लगा झटका
दरअसल, बिहार में नीतिश कुमार(Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली जेडीयू जब बीजेपी गठबंधन से अलग हुई थी। उसी के बाद बीजेपी के खिलाफ जेडीयू अध्यक्ष लल्लन सिंह(JDU President Lallan Singh) ने यूपी में सपा गठबंधन के साथ भविष्य में चुनाव लड़ने की हामी भरी थी। लेकिन रविवार को अखिलेश के बयान के बाद स्थानीय निकाय चुनाव में ऐसा होता हुआ कुछ नज़र नहीं आ रहा है। हालांकि अखिलेश यादव पहले भी कई मौकों पर ये स्पष्ट कर चुके हैं कि सपा अपने गठबंधन के सहयोगियों के साथ ही लोकसभा चुनाव भी लड़ेगी। बता दें कि सपा ने पिछले साल यानी 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी(Jayant Chowdhary) की अगुवाई वाले आरएलडी, ओम प्रकाश राजभर(Om Prakash Rajbhar) के नेतृत्व वाली सुभासपा, कृष्णा पटेल की अपना दल (कमेरावादी), डॉक्टर संजय चौहान की जनवादी पार्टी, केशव देव मौर्य के महान दल और अपने चाचा शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा के साथ लड़ा था। हालांकि प्रसपा ने मैनपुरी उपचुनाव के बाद सपा में विलय कर लिया।