Saturday, May 11, 2024
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UP Politics: निषादराज की प्रतिमा से बड़े वर्ग को साधने में जुटी BJP, क्या कर पाएगी 2024 की नैय्या पार?

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India News (इंडिया न्यूज़),Harendra Chowdhary,UP Politics: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनैतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे सभी राजनैतिक दल अपनी रणनीति को जनता के बीच ले जाकर जमीन पर उतारने की कवायद में जुटे गए हैं । ताकि समय रहते टारगेट किए गए वोट बैंक का उन्हें पूर्ण समर्थन हासिल हो सके।

इसी कड़ी में अब एनडीए को 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी में अपनी नैय्या पार लगाने के लिए निषादराज का सहारा नजर आ रहा है। ऐसे में वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में ईदगाह मस्जिद के बाद निषादों के तीर्थस्थल श्रंगवेरपुर धाम में भी निषादराज के किले की जमीन पर अवैध कब्जा कर मस्जिद निर्माण करने के आरोपों का मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद का ब्यान..

लंबे समय से मस्जिद की जमीन पर निषादराज के भव्य किले का उसी प्राचीन स्वरूप में निर्माण करने की मांग करने वाले निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा है कि अगर मुस्लिम समाज और मस्जिद प्रबंधन कमेटी की ओर से पहल करते हुए हमारी विरासत को हमारे समाज को सौंपा नही जाता है तो वो अब इसके लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने संजय निषाद की मांग का किया समर्थन

उन्होंने आगे कहां की कानूनी लड़ाई के साथ राजनीतिक और सामाजिक मोर्चे पर भी लड़ाई लड़ी जाएगी। निषाद पार्टी अपनी इस मांग पर अब बीजेपी से भी समर्थन की उम्मीद रखती है।  इसी के चलते यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने संजय निषाद की मांग का समर्थन करते हुए खुले मंच से ऐलान किया कि श्रंगवेरपुर में निषादराज का किला भले ही जमीन के 300 फुट नीचे हो या 3000 फुट नीचे, उस जमीन पर अब कोई अवैध कब्जा नही रह पाएगा और वहां निषादराज के भव्य किले का निर्माण जरूर होगा।

2024 का लोकसभा चुनाव एनडीए के लिए बेहद अहम

अब इस मांग के सियासी मायने समझने की कोशिश करें तो यूपी में निषाद समाज का वोट बैंक 18 फीसदी है जो सीधे तौर पर प्रदेश की 165 विधानसभा सीट और पूर्वांचल-अवध क्षेत्र की 30 से 35 लोकसभा सीट पर भी अपना असर डालता हैं। बात अगर यूपी की राजनीति की हो तो यहां जातिगत राजनीति शुरू से हावी रही है और इसी के चलते सभी राजनैतिक दल जातिगत आंकड़ों के आधार पर ही अपनी चुनावी रणनीति तय करते रहे हैं। ऐसे में 2024 का लोकसभा चुनाव एनडीए के लिए बेहद अहम हो जाता है।

पीएम मोदी का बड़ा ऐलान…. 

यही वजह है कि बीजेपी इन सभी सीटों पर निषाद, कश्यप, मल्लाह, बिंद, मथुआ, कहार और केवट जैसी जातियों के वोट बैंक को निषाद पार्टी के सहयोग से 2024 के लिए सहेज कर रखना चाहती है। श्रृंगवेरपुर में निषादराज के किले का भव्य निर्माण का मुद्दा उसके लिए एक बड़ा राजनीतिक दांव साबित हो सकता है। जिसके सहारे एनडीए यूपी में लोकसभा चुनाव की बड़ी जीत के लक्ष्य को हासिल कर केंद्र की सत्ता पर कायम रह सकती है।  पीएम मोदी के उस ऐलान को भी अक्षरशः सच साबित किया जा सकता है जो खुद उन्होंने 15 अगस्त को लाल किले से किया है कि अगले साल 2024 में भी वो बतौर प्रधानमंत्री लाल किले से एक बार फिर झंडा फहराएंगे।

इस मुद्दे को लेकर विपक्ष भले ही एनडीए के घटक दलों पर जनता के सवालों से बचने के लिए इस तरह के चुनावी हथकंडे अपनाने की बात कहे या बीजेपी की सहयोगी पार्टियों पर भी बीजेपी की राह पर ही चलने का आरोप लगाए लेकिन फिलहाल ये मुद्दा एनडीए के लिए यूपी में एक बड़े वोट बैंक को एकमुश्त हासिल करने की एक बड़ी उम्मीद है।

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