Friday, July 5, 2024
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UP POLITICS : 4 दल छोड़ने के बाद BJP में आए थे सत्यपाल मलिक का कैसा रहा राजनीतिक कैरियर, सिर्फ 1 बार जीता लोकसभा चुनाव, जानिए पूरी सियासत

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INDIA NEWS (इंडिया न्यूज़), लखनऊ : जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) बीते कुछ दिनों से अपने बयान को लेकर काफी सुर्खियों में हैं। अगर हम उनके सियासी सफर की बात करे तो सत्यपाल मलिक का सफर 1974 से शुरू हुआ था। तब उन्होंने बागपत विधानसभा (Baghpat Vidhan Sabha) सीट से पहली बार विधायकी का चुनाव लोक दल (Lok Dal) से लड़ा और जीता भी था।

बोफोर्स घोटाले के बाद छोड़ा था कांग्रेस का दमन

इसके बाद सत्यपाल मलिक पहली बार 1980 में लोक दल पार्टी के तरफ से राज्यसभा पहुंचे थे। इसके चार साल बाद ही 1984 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था। इसके बाद वो कांग्रेस के तरफ से राज्यसभा गए थे । लेकिन साल 1987 में बोफोर्स घोटाले के बाद कांग्रेस से सत्यपाल मलिक ने इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद वो 1988 में वीपी सिंह के नेतृत्व वाले जनता दल से जुड़े और 1989 में अलीगढ़ से लोकसभा का चुनाव जीता और सांसद बने।

हर के बाद भी बने बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

हालांकि, सत्यपाल मलिक इसके बाद कभी चुनाव नहीं जीत सके। इसके बाद 1996 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर फिर से अलीगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन वो जीत नहीं पाए। उसके ठीक आठ साथ बाद 2004 में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा लिया। हालांकि उसके बाद भी 2004 में बागपत से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भी बीजेपी में उनका कद बढ़ा कर 2012 में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था।

गोवा, मेघालय, जम्मू , और बिहार के बने राज्यपाल

साल 2017 में सत्यपाल मलिक को बिहार का राज्यपाल बनाया गया। बिहार के बाद उन्हें 2018 में जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया। अनुच्छेद 370 को निरस्त की गई तो वहां सत्यपाल मलिक राज्यपाल थे। इसके बाद उन्हें 2019 में गोवा का राज्यपाल बनाया गया। हालांकि इसके बाद उन्हें 2020 में मेघालय का राज्यपाल बनाया गया। लेकिन इसके बाद उन्होंने बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी थी। अब सीबीआई से पूछताछ मामले में सत्यपाल मलिक फिर से चर्चा में आ गए हैं।

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