UP Politics: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) की सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस समेत अन्य दलों ने तीखी टिप्पणी की है।
बीजेपी के लोग 17 बजट का दें हिसाब-किताब-अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा प्रमुख अध्यक्ष अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) ने डबल इंजन की सरकारों से उनके 17 बजट का हिसाब-किताब मांगा है। सपा पार्टी ने अखिलेश यादव का दिल्ली में दिए गए बयान का एक हिस्सा ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘‘इनका एक साल का कार्यकाल मत गिनिए। उत्तर प्रदेश में यह सातवां बजट लाए हैं तो यह सात बजट का हिसाब किताब दें।’’ इसी ट्वीट में आगे कहा गया कि, ‘‘दिल्ली की सरकार (केन्द्र) के 10 बजट हो गए। 10 और सात मिलाकर 17 बजट हो गए, बीजेपी के लोग 17 बजट का हिसाब किताब दें।”
BJP की डबल इंजन सरकार ने 6 साल तक किया महंगा-खर्चीला प्रसार-प्रचार – मायावती
बसपा अध्यक्ष मायावती(Mayawati) ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘यूपी में बीजेपी की डबल इंजन सरकार के छह साल पूरे होने को लेकर महंगे व खर्चीले प्रसार-प्रचार के माध्यम से जो बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। उनका जमीनी हकीकत से अगर सही का वास्ता होता तो उचित होता। लेकिन ऐसा नहीं होने से करोड़ों गरीब व पिछड़ी जनता में उत्साह कम व मायूसी ज्यादा।”मायावती ने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘‘’चाहे विकास, रोजगार, कानून का राज या एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज आदि का मामला हो, इनको लेकर सरकार द्वारा ‘यूपी खुशहाल’ का किया जा रहा दावा अधिकतर कागजी व हवा-हवाई ही है। सरकार राजनीतिक व जातिवादी द्वेष एवं साम्प्रदायिक रवैयों आदि को त्यागकर वास्तविक जनहित व जनकल्याण पर ध्यान दे।’’
छह साल प्रदेश में विकास,सुशासन,किसानों,नौजवानों, महिलाओं, श्रमिकों और गरीबों के साथ धोखा वाला रहा- कांग्रेस
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बृजलाल खाबरी(Brijlal Khabri) ने कहा कि योगी सरकार का लगातार छह साल प्रदेश में विकास, सुशासन, किसानों, नौजवानों, महिलाओं, छात्रों, श्रमिकों, गरीब, कमजोर, शोषित एवं सर्वहारा वर्ग के लिए अभिशाप के रूप में जाना जाएगा। खाबरी ने कहा कि, ‘‘प्रदेश में विकास के नाम पर सिर्फ स्थानों के नाम बदलना, इमारतों के रंग बदलना ही विकास ही योगी सरकार की उपलब्धियां रही हैं। जबकि प्रदेश में महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, घोटाले अपने चरमोत्कर्ष पर हैं। भर्तियों के नाम पर युवाओं के साथ धोखा सिर्फ धोखा हुआ है।’’