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इंडिया न्यूज, गोंडा (Uttar Pradesh)। यूपी के गोंडा जिले में महिला अस्पताल में सीएमएस समेत स्वास्थ कर्मियों पर बीते दिनों डिप्टी सीएम ने बड़ी कार्यवाही के बाद अब जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन भी अब कार्रवाई के मूड में दिखा रहा है। एसीएमओ डॉ एपी सिंह ने महिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। एसीएमओ के निरीक्षण के दौरान अस्पताल में बिना काम के बिना यूनिफॉर्म में आशा घूमती मिलीं। अधिकारी अस्पताल में घूम रही आशाबाहुओं बुलाकर पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान आशा द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिस पर एसीएमओ ने 14 आशा बहू को बर्खास्त करने की कार्रवाई की है।
दलालों पर अंकुश लगाने के लिए लागू हुआ था ड्रेस कोड
बताते चलें कि अस्पताल में दलालों के प्रवेश को रोकने के लिए सीएमओ ने अस्पताल कर्मचारियों को ड्रेस कोड में आने का निर्देश दिया था। उसके बावजूद आशा बहुओं द्वारा लगातार आदेश का पालन नहीं किया जा रहा था। एसीएमओ के निरीक्षण में नगर क्षेत्र की आशा बहू आफरीन काजी देवर की माला शुक्ला, मीना शुक्ला, उर्मिला दुबे और अनीता सिंह परसपुर से आशा शशि, राधा ओझा वजीरगंज से पुष्पा सिंह, पुष्पा शुक्ला, कटरा बाजार की किरन शर्मा, गीता मिश्रा खरगूपुर की कुसुम उपाध्याय मुजेहना की माधुरी की घूमती मिलीं। जिसके बाद इन सभी की सेवा समाप्ति करने के निर्देश दिया गया है।
एसीएमओ डॉ एपी सिंह ने बताया कि महिला अस्पताल परिसर में 14 आशा बहुएं बिना ड्रेस के घूमती मिलीं। पूछताछ में सही जवाब ना मिलने पर प्रतीत हुआ कि यह लोग दलाली, अवैध वसूली में लिप्त हैं। ऐसे में 14 आशा बहुओं के खिलाफ सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की गई है और आगे इन सभी की जगह पर नए लोगों को भर्ती किया जाएगा।
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