Agra
इंडिया न्यूज, आगरा (Uttar Pradesh) । आगरा में ताजमहल देखने वाले इन दिनों शानदार इमारत के साथ-साथ गोल्डमैन स्टेच्यू की चर्चा भी कर रहे है। सिर से लेकर पांव तक सुनहरे रंग में रंगे गोल्डनमैन से हाथ मिलाकर हर पर्यटक खुश होता है। इस गोल्ड मैन की ख़ासियत है कि वह 3 घंटे तक बिना हिले डुले एक ही पोज़ में खड़ा रहता है। उसके साथ सेल्फी लेकर लोग ताज के दीदार को यादगार बना रहे हैं। वहीं इस्माइल के गोल्डन ब्वॉय के रूप में वायरल होने के बाद परिजनों में काफी खुशी देखने को मिल रही है और गांव को लोगों को भी अब इस्माइल के इस हुनर पर गर्व महसूस होता है।
Youtube से सीखा हुनर
महाराजगंज जनपद का रहने वाला गोल्डन बॉय इस्माइल काफी गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है। इस्माइल ने बताया की घर में 7 सदस्य हैं, जिसमें मैं बड़ा हूं माता- पिता और मुझसे छोटे चार भाई बहन हैं। शुरुआती शिक्षा महाराजगंज जनपद में ही लेने के बाद गरीबी की हालत से तंग आकर में यूट्यूब की मदद से इस तरह का कार्य करने की प्रेरणा मिली। जिससे परिवार की रोजी रोटी चल सके और घर की आर्थिक स्थित मजबूत हो सके। गोल्डेन बॉय इस्माइल की इच्छा है कि वह जो प्रेम की नगरी आगरा में स्टेच्यू बनता है, उससे मिलने वाले पैसे से अपने टूटे हुए घर का निर्माण कर सके।
महाराजगंज जनपद के एक छोटे से गांव से निकलकर आगरा जैसे शहर में सोशल मीडिया पर गोल्डन बॉय नाम से मशहूर होने के बाद अब इस्माइल के परिवार वाले काफी खुश हैं और इस्माइल की मां बताते बताते ही खुशी के आंसू रोने लगती हैं। आसानी ग्रामीणों का कहना है कि इस्माइल आर्थिक स्थिति काफी खराब थी। लेकिन वह बचपन से ही काफी तेज और होनहार था, जो यहां छोटे से गांव से निकलकर मोहब्बत की नगरी आगरा में गोल्डन बॉय नाम से मशहूर हो गया है। स्थानीय लोगों ने पर्यटको से ज्यादा से ज्यादा उसकी मदद करने की बात कही। जिससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार सकें।
जिंदा स्टेच्यू बनना एक कला
जिंदा स्टेच्यू बनना एक आर्ट है। यूरोपीय देशों में कलाकार स्टेच्यू बनकर लोगों को आकर्षित करते हैं। विदेशों में यह आर्ट उनकी रोजी-रोटी का जरिया है। भारत में यह कला अभी ज्यादा पॉपुलर नहीं है। मगर ताजनगरी के तौर पर मशहूर आगरा का गोल्डन मैन स्टेच्यू पर्यटकों को अपने हुनर के जरिए लुभा रहा है। ताजमहल की ओर जाने वाले रास्ते पर कलाकार इस्माइल सिर से लेकर पैर तक गोल्डन कलर में रंगे पुते नज़र आते हैं। ताजनगरी के लोगों ने इसे देशी गोल्डमैन का नाम दे रखा है।
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