India News (इंडिया न्यूज़), Rinki Upadhyay, Agra News, बेसिक शिक्षा विभाग में ‘शुक्रवार’ का दिन बेहद खास होता है। बाबुओं से लेकर अधिकारियों के चेहरे पर रौनक होती है। क्योंकि ये दिन स्कूलों की मान्यता से जुड़ा है।
शासन के निर्देश पर प्रत्येक शुक्रवार को विद्यालयों की नवीन मान्यता की बैठक होती है। मान्यता के नाम पर तमाम नियम इस दिन टूटते हैं। बंद कमरे में बैठक कर स्कूल संचालकों को रेबड़ी की भांति मान्यता प्रदान की जाती है। भले ही वे विद्यालय मानकों को पूर्ण करते हों या नहीं।
पिछले दो शुक्रवार को हुई मान्यताओं के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो अधिकांश स्कूलों के तार नगर क्षेत्र कार्यालय में तैनात चर्चित गालीबाज बाबू और मुख्यालय पर तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर और एडी बेसिक के मास्टर माइंड बाबू से जुड़े निकलेंगे। इन स्कूलों की धरातलीय जांच में भ्रष्टाचार की तो कलई खुलेगी। साथ ही कई खंड शिक्षा अधिकारियों नौकरी भी खतरे में पड़ जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग में शुक्रवार का दिन स्कूली मान्यताओं के नाम रहता है। इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों की पूरी कमेटी बैठती है। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी,खंड शिक्षा अधिकारी, डायट के प्रतिनिधि आदि इसमें शामिल होते हैं।
विगत 14 जुलाई को तीन स्कूलों की मान्यता हुई है। और 21 जुलाई को करीब एक दर्जन स्कूलों को मान्यता दी गई है। इसमें एक से दो फाइल जनप्रतिनिधियों की सिफारिश की थीं। कुछ फाइलें वास्तविकता में नियमों को पूर्ण कर रहीं थीं। जबकि, कई फाइलें संदिग्ध हैं। इन फाइलों के तार विभागीय बाबू, अधिकारियों से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। स्थिति ये है कि इनकी धरातलीय जांच कराई जाए तो भ्रष्टाचार की नई परत खुल जाएगी। निरीक्षण में मान्यता के नियमों के लिए भवन, प्रशासनिक विभागों की एनओसी, खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा लगाई गई धरातल पर सत्यापन की रिपोर्ट की वास्तविक स्थिति उजागर होगी।
मान्यताओं के पीछे बेसिक शिक्षा विभाग में पनपने वाले इस कॉकस का खुलासा हो जाएगा। जानकार बताते हैं कि स्कूल की मान्यता की फाइलों पर रिपोर्ट कमरे में बैठकर लगती हैं। मौके से खिंचने वाले फोटो में भी बड़ा खेल होता है। आलम ये है कि मान्यता दिलवाने के नाम पर बड़ी-बड़ी डील होती है। शनिवार से लेकर गुरुवार तक फाइल तैयार करने में पूरा अमला जुटता है। मनमुताबिक खंड शिक्षा अधिकारियो से रिपोर्ट लगवाई जाती है। बदले में खंड शिक्षा अधिकारियो को खुश किया जाता है। और शुक्रवार को अंतिम मुहर लगती है। मंगलवार और बुधवार को मान्यता का पत्र विभाग से स्कूलों के लिए जारी कर दिया जाता है। विगत दो शुक्रवार को हुई स्कूल की मान्यताओं का धरातलीय निरीक्षण कराया जाएगा। यदि स्कूलों की मान्यताओं में अधिकारियों ने रिपोर्ट लगाने में नियमों की अनदेखी की है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। शासन स्तर से स्कूल की मान्यता प्रदान करने की पूरी नियमावली है।
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