India News (इंडिया न्यूज), Rinke Upadhyay, Agra : मायावती शासन काल में बना अंबेडकर ब्रिज फिर से डराने लगा है। 13 साल में 21वीं बार मरम्मत के दौर से गुजरे इस पुल की हालत दोबारा गड़बड़ाने लगी है। जी-20 समिट के दौरान पुल पर काम हुआ था। इसके बाद पुल को बंद कर इसके धरातल पर काम होना था। मगर, काम शुरु नहीं हो सका।
अब पुल पुराने हालात में लौटने लगा है। पुल पर किया पेचवर्क उखड़ने लगा है। तीन जगहों से एंगल बाहर झांक रही है, पत्थर निकलने से गड्ढे भी बनते जा रहे हैं। तीस करोड़ की लागत से वर्ष 2008 में बने 650 मीटर लंबा पुल पर 21वीं बार क्षतिग्रस्त हुआ है। बीते दिनों जी 20 समिट के दौरान आंबेडकर पुल पर काम हुआ था। अधिकारियों ने पुल को चमका दिया। पैचवर्क भी अच्छा किया था। पुल अब फिर से मरम्मत मांग रहा है।
यहां भारी वाहनों को रोकने को लगाए लो हाइट बैरियर भी भारी वाहनों ने तोड़ दिए। पुल से भारी वाहन निकलने शुरु हो गए हैं। इससे पुल की और ज्यादा दुर्दशा होगी। एंगल दिखने लगी बाहर घाट बजरिया से पुल में एंट्री करते ही एक्सपेंशन ज्वाइंट से पैचवर्क उखड़ गया है। एंगल बाहर निकल आई है। वाहन इस पर उछल रहे हैं। इसके आगे एक स्थान पर पूर्व में भरा गया गड्ढा फिर से खाली होना शुरु हो गया। वाहनों के निकलने से उसके पत्थर सड़क पर इधर-उधर पड़े हुए हैं। आगे बढ़ने पर पुल की ढलान पर एक्सपेंशन ज्वाइंट में भी इसी तरह पेचवर्क उखड़ा है। उसे देखकर लगता है कि हाल ही में पेचवर्क किया गया था। इसी तरह आगे तीसरी एंगल भी सड़क से बाहर दिख रही है।
बीते दिनों जिलाधिकारी ने पुल पर काम करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए करीब 2 करोड़ 67 लाख का बजट भी पास हुआ था। हाइड्रोलिक जेक के माध्यम से सरफेस पर काम होना था। बायरिंग बदली जानी थी, यातायात विभाग से पत्राचार कर डायवर्जन भी करना था। मगर, अभी तक पुल पर कोई काम शुरु नहीं किया गया है।
एक अगस्त को टीम ने पुल का निरीक्षण कर उसकी कमियों को सूचीबद्ध किया था। अनुभवी लोगों से ही पुल पर काम कराया जाएगा। इसलिए एक अच्छी एजेंसी की तलाश की जा रही है। काम के पहले ट्रैफिक डायवर्जन के लिए यातायात पुलिस से पत्राचार किया जाएगा। अभी की समस्या को दूर करने के लिए जूनियर इंजीनियर मौके पर भेजे गए थे।
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