इंडिया न्यूज़, लखनऊ:
Akhilesh Will Contest From Karhal in Mainpuri: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने परंपरागत मैनपुरी कि करहल सीट से चुनाव लड़ने कि घोषणा कर दी है। इस सीट पर सपा बीते 30 सालों से चुनाव नहीं हारी है। यह सीट सपा का गढ़ कहलाती है।
इस सीट पर 2007 से सपा लगातार जीत रही है। 2017 के चुनाव में मोदी-योगी की लहर के बाद भी सपा प्रत्याशी सोबरन सिंह (Sobran Singh) को 50% वोट मिले थे। राजनितिक गलियारों में पहले अखिलेश के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही थी। जिस पर खुद अखिलेश ने कहा था कि आजमगढ़ की जनता से पूछकर वह चुनाव लड़ने का फैसला करेंगे।
करहल विधानसभा सीट सैफई के पास है, जहां अखिलेश और उनके परिवार का काफी प्रभाव है। पिछले 3 चुनावों से यहां सपा के सोबरन यादव विधायक बने हुए हैं। जो मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी बताये जाते हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी सपा उम्मीदवार सोबरन सिंह यादव ने 104221 वोट अपनी झोली में बटोरे थे और भाजपा के राम शाक्य को 38405 वोट से मात दी थी।
2007 के विशानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी संध्या कठेरिया जीती थी। इसके बाद 2012 में सपा के ब्रजेश कठेरिया जीते। 2017 में चल रही मोदी और योगी की लहर का असर भी इस सीट पर नहीं पड़ा और सपा के ब्रजेश कठेरिया जीते थे। भाजपा दूसरे नंबर पर रही थी। सुरक्षित होने के बाद भी बसपा कभी भी इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई।
1993 से सपा मैनपुरी की करहल सीट से जीतती आ रही थी। 2002 में भाजपा के सोबरन सिंह यादव ने सपा के विजय रथ पर रोक लगाई थी और सपा के अनिल कुमार यादव दूसरे स्थान पर थे। 2007 के चुनाव में सोबरन सिंह यादव ने सपा का दामन थामा और चुनाव में उतरे। जिसके बाद से वह लगातार सपा के टिकट पर विधायक हैं।
भाजपा महासचिव और कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव के मैनपुरी के करहल से चुनाव लड़ने पर तंज कसते हुए कहा है कि अब तक अखिलेश कह रहे थे कि उत्तर प्रदेश के किसी भी सीट से चुनाव लड़कर जीत जाएंगे। करहल सीट तो इनकी जातीय विशेष बाहुल्य सीट है। ये आखिर डर नहीं है तो क्या है?
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