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Akhilesh Yadav: पिता की विरासत, पार्टी का विवाद आसान नहीं रहा अखिलेश यादव का सफर

• LAST UPDATED : June 4, 2024

India News UP (इंडिया न्यूज UP) Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता अखिलेश यादव को देश में एक कुशल राजनितिक चेहरा माना जाता है, उनको समाजवादी पार्टी का राजनितिक ताकत राजनेता के तौर पर जाना जाता है। वर्ष 2002 में पहली बार कांग्रेस चुनाव या 2009 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद का निर्वहन करना या फिर 2017 में आंतरिक कलह से पार्टी को संभालने की जिम्मेदारी का सामना करना हो, अखिलेश यादव हमेशा स्पष्ट वक्ता के रूप में जाने जाते है।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अखिलेश यादव इससे पूर्व वे लगातार तीन बार सांसद भी रह चुके हैं। प‍िता मुलायम स‍िंह यादव से म‍िली अख‍िलेश को राजनीत‍ि, बावजूद इसके अख‍िलेश यादव में खुद ऐसा क्‍या है जो उन्‍हें देश की स‍ियासत के पहले नेताओं में आगे रखता है।

जन्म और विवाह

अखिलेश यादव का जन्म इटावा जिले के सैफई गाँव में 1 जुलाई 1973 को हुआ। समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के यहाँ अखिलेश यादव का जन्म हुआ। 24 नवंबर 1999, अखिलेश यादव और डिम्पल यादव शादी के बंधन में बांध गए।

स्कूल और कॉलेज का सफर

पहाड़ी पर बसे मिलिट्री स्‍कूल से अख‍िलेश के नए सफर की शुरुआत हुई। यहां अख‍िलेश ने कक्षा छह में दाख‍िले की परीक्षा पास की और फ‍िर इंटरव्‍यू हुआ। अख‍िलेश को मिलिट्री स्‍कूल में दाख‍िला म‍िला। इसके बाद श्री जयचामाराजेंद्र कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दाख‍िला ल‍िया।

राजनितिक तौर पर एंट्री

साल 1999 के लोकसभा चुनाव में मुलायम स‍िंह ने संभल और कन्‍नौज दो लोकसभा सीटों से चुनाव जीता था। बाद में मुलायम ने कन्‍नौज लोकसभा सीट छोड़ने का फैसला क‍िया। फ‍िरोजाबाद सीट से हुए उपचुनाव में बहू ड‍िंपल यादव खड़ी हुईं लेक‍िन उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान 2009 में अख‍िलेश को सपा का प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया गया। 2012 व‍िधानसभा चुनाव से पहले अख‍िलेश फुल फार्म में थे, 2012 में 403 व‍िधानसभा सीट पर हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी को 224 सीट म‍िली। इस जीत के साथ यह तय हो गया क‍ि अख‍िलेश ही यूपी के मुख्‍समंत्री बनेंगे।

2 मई को मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश राज्य के विधान परिषद के सदस्य बनने के लिए, उन्होंने 15वीं लोकसभा सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया। 2022 के विधानसभा चुनाव में, सपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने में यादव के नेतृत्व वाली सरकार असफल रही और इसलिए उन्होंने 11 मार्च को राज्यपाल राम नाइक को अपना इस्तीफा दे दिया। मई 2019 में, उन्हें आजमगढ़ कांग्रेस से संसद सदस्य बना दिया गया। 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने मनपुरी की करहल सीट से चुनाव जीता और आजमगढ़ लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया।

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