इंडिया न्यूज, अलीगढ़:
Aligarh Civic Elections विधान सभा में मिली करारी शिकस्त के बाद बसपा अब निकाय चुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। यहां पर पिछले चुनाव में बसपा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। महापौर के साथ दो नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर भी कब्जा किया था।
इस बार पार्टी संगठन ठोस रणनीति के तहत फिर से मैदान में उतरने जा रही है। जिला प्रभारी व विधानसभा सचिवों को पार्टी कार्यकतार्ओं को ही प्रत्याशी बनाने के लिए चेहरे तालाश की जिम्मेदारी दी गई है। जल्द ही प्रदेश प्रभारी व पूर्व सांसद बाबू मुनकाद अली इस संबंध में बैठक लेने के लिए आ रहे हैं। पार्टी का शक्ति प्रदर्शन संविधान निमार्ता डा. बीआर आंबेडकर की 14 अप्रैल को जयंत के कार्यक्रम के जरिये करने जा रही है।
पिछले निकाय चुनाव में महानगर के महापौर के चुनाव में लगातार 20 साल से कब्जा कर रही भाजपा की विजय यात्रा को पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद फुरकान ने रोका था। इसके साथ ही हरदुआगंज नगर पंचायत अध्यक्ष तिलकराज यादव व विजयगढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर संजीव काका ने कब्जा किया था।
निकाय चुनाव दिसंबर तक कराने की संभावना जताई जा रही है। गत 27 मार्च को लखनऊ में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने जिलाध्यक्ष व अन्य पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी। इस बैठक में संगठन को दुरस्त करते हुए काआर्डिनेटर पद समाप्त कर जिला प्रभारियों को जिम्मेदारी दी है। दो-दो जिला प्रभारी नियुक्त किए गए। विधानसभा प्रभारियों की नियुक्ति की गई।