India News UP ( इंडिया न्यूज ), Allahabad High Court: इलाहबाद हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन कराय जाने पर गंभीर टिप्पणी दी है। कोर्ट ने कहा कि देश मे SC,ST और आर्थिक रूप से कमजोर लोगो का बडे स्तर पर धर्मांतरण कराया जा रहा है। इसे जल्द से जल्द रोकना चाहिए। अगर ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा तो जल्द ही देश के बहुसंख्य भी अल्पसंख्यक हो जायेंगे। पैसो का लालच दे धर्मांतरण करने वाली इन सभाओ पर जल्दी से जल्दी रोक लगाई जाए। भारतीय संविधान में धर्मांतरण का कोई प्रावधान नहीं है।
मामला हमीरपुर के मौदहा गांव का है। जहा आरोपी कैलाश ने रामकली के मानसिक रूप से कमजोर भाई का इलाज के बहाने धर्मांतरण करा दिया।जिसके बाद उसने कैलाश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। रामकली ने बताया की कैलाश इलाज के बहाने उसके भाई को दिल्ली ले गया था।
इसके बाद कैलाश उसे किसी धार्मिक सभा में ले गया। जहा उन लोगो ने रामकली के भाई को ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया। रामकाल ने ये भी बताया की उन लोगो ने धर्मपरिवर्तन करने के बदले में उसके भाई को पैसे भी दिए थे। शिकातकर्ता ने बताया की आरोपी पहले भी कई लोगो को अपने साथ ले जा चूका है। आरोपी ने हाई कोर्ट में जमानत के ली याचिका दी थी। जिसे ख़ारिज कर दिया गया है।
इलाहबाद हाईकोर्ट ने कहा की धर्मांतरण करने वाली ऐसी सभाओ पर जल्दी से जल्दी रोक लगाई जाय। भारतीय संविधान का अनुछेद 25, अपना धर्म चुनने का ,किसी भी धर्म को अपनाने का और अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार देता है। पर ये किसी को भी धर्मांतण करने का अधिकार नही देता। जस्टिस रोहित रंजन ने कहा की यूपी से धर्मांतरण के कई मामले सामने आये है। जहा भोले भले लोगो को पैसो का लालच दे कर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। ये एक गंभीर मामला है।